नई दिल्ली/गाजियाबाद: हरियाणा के हिसार में रहकर मजदूरी कर रहे मजदूर लाॅकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए. हाल ये था की लाॅकडाउन में फंसे होने के कुछ दिनों बाद उनके भूखे मरने की नौबत आ गई.
इसलिए बिहार के मधेपुरा जिला जाने के लिए 22 मजदूर साइकिल पर सवार होकर 27 अप्रैल को अपने घर की ओर निकल गये. जिसके 5 दिन बाद वह मुरादनगर के कन्नौजा गांव से होते हुए जा रहे थे.
साइकिलों पर मजदूरों की भीड़ को देखकर ग्रामीणों ने पुलिस को फोन किया. ग्रामीणों की सूचना पर मुरादनगर पुलिस ने उनको पकड़ा और उनकी मुरादनगर में बने आश्रय स्थल में रहने की व्यवस्था कराई. इसी दौरान आश्रय स्थल पहुंचकर ईटीवी भारत ने मजदूरों से खास बातचीत की.
खाने से नहीं भरा पेट
ईटीवी भारत को मजदूर रतन मिस्त्री ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से वह हरियाणा में फंसे हुए था. जहां उनके खाना-पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. इसलिए वह हरियाणा से साइकिल पर सवार होकर बिहार के लिए 27 अप्रैल को निकला.
इसके बाद मुरादनगर में उनको पुलिस ने पकड़ लिया, और उनको आश्रय स्थल में लाने के बाद पुलिस ने आश्वासन दिया कि उनका मेडिकल चेकअप कराने के बाद उनको घर वापस भेज दिया जाएगा. इसके साथ ही उसने बताया कि उनको सुबह से सिर्फ थोड़ा सा ही खाना मिली है, जिससे उनका पेट नहीं भर पाएगा.
आश्रय स्थल पर नहीं रहना चाहते
इसके साथ ही आश्रय स्थल में मौजूद बिहार जा रहे दूसरे मजदूर ने ईटीवी भारत को बताया कि उनको हरियाणा में खाने की और रहने की बहुत दिक्कत हो रही थी. इसीलिए वह हरियाणा से साइकिल लेकर बिहार के लिए रवाना हो गए. बिहार जाते वक्त वह रास्ते में ना भटक जाए इसलिए वह रास्ता पूछते-पूछते जा रहे थे, और उनको रास्ता बताने में पुलिस ने भी मदद की. इसके साथ ही उनका कहना है कि वह आश्रय स्थल में नहीं रहना चाहते हैं. वह अपने घर बिहार जाना चाहते हैं.
ईटीवी भारत ने जब मुरादनगर थाना अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मजदूरों का चेकअप किया जा चुका हैं और प्रशासन से उनको घर भेजने की व्यवस्था को लेकर बातचीत की जा रही है.