नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुरादनगर श्मशान घाट हादसे (Muradnagar crematorium accident) की पीड़ित महिलाएं मृतक लोगों के फोटो होर्डिंग्स और बैनर लगाकर न्याय की मांग करते हुए और मुरादनगर नगर पालिका परिषद (Muradnagar Municipality Premises) के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नगर पालिका पहुंचीं. उन्होंने प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
तीन जनवरी को मुरादनगर नगर पालिका परिषद (Muradnagar Municipality Premises) के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण उखलारसी गांव में श्मशान घाट हादसा हुआ था, जिसमें करीब 25 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और इतने ही लोग घायल हुए थे. उस समय मृतकों के परिजनों के हाईवे जाम करने पर प्रशासन द्वारा मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी, मुआवजा, बच्चों की मुफ्त शिक्षा और आवास की घोषणा की गई थी, लेकिन हादसे के एक साल के बाद भी सरकार नौकरी और अन्य मांगें पूरी न होने के कारण अब पीड़ित मुरादनगर नगर पालिका परिषद में धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे.
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सरकारी नौकरी पाने के लिए वह करीब 11 महीने से संघर्ष कर रही हैं. ऐसे में उनको आलाधिकारी द्वारा संविदा पर नौकरी देने की बात कही जाती है. लेकिन वह संविदा पर नौकरी नहीं करना चाहते हैं. जिनकी लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है. वह खुले घूम रहे हैं. उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. प्रशासन द्वारा दिए गए आवास को लेकर उनका कहना है कि आवास की हालत जर्जर हो रही है. ऐसा लगता है प्रशासन ने उनको मारने के लिए आवास दिया है. वह इस आवास को वापस कर देंगे.
ईटीवी भारत को पुष्प लता ने बताया कि उन्होंने इस हादसे में अपने पति को खोया था. उनका कहना है कि आज अगर उनकी मांगें मुरादनगर नगर पालिका परिषद में पूरी नहीं होती हैं. तो वह अगला धरना जिलाधिकारी ऑफिस में करेंगे. अगर वहां भी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह लखनऊ तक धरना करेंगे. आज के धरने के बारे में उन्होंने पुलिस प्रशासन सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी को बता दिया था. इसके बावजूद अभी तक मुरादनगर नगर पालिका परिषद में चेयरमैन नहीं आए हैं.
वहीं दूसरी ओर इस धरने प्रदर्शन में पीड़िता अंजू भी शामिल हैं. जिनके पति इस हादसे में बुरी तरह घायल हो गए थे और करीब तीन महीने के इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. जिनको अभी तक प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली है.
हालांकि धरने पर बैठी श्मशान घाट हादसे के पीड़ितों को मोदीनगर तहसीलदार हरी प्रताप सिंह और मुरादनगर थानाध्यक्ष सतीश कुमार समझाने का प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी मांगों को जल्दी पूरा कराया जाएगा. ऐसे में वह धरने को समाप्त कर अपने घर वापस चली जाएं.