नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर में बंदरों के आतंक से लोगों का बुरा हाल है. बंदरों का आतंक इतनी चरम सीमा पर है कि बंदर, बच्चे-बूढ़े समेत कई महिलाओं को घायल कर चुके हैं. इन सबके बावजूद स्थानीय प्रशासन लोगों को इस समस्या से निजात नहीं दिला पा रहा है. वहीं दूसरी ओर मोदीनगर के सरकारी अस्पताल में बंदरों के काटने पर लगने वाला इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं है. इन समस्याओं से परेशान होकर मोदीनगर के लोगों ने रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन के तत्वाधान में 3 अक्टूबर को धरने की चेतावनी दी है.
रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन की अध्यक्ष कुसुम सोनी ने बताया कि मोदीनगर में बंदरों का आतंक चरम सीमा पर है. बंदर आए दिन बच्चे, महिलाओं और बूढ़ों को घायल कर रहे हैं. इस समस्या को लेकर उन्होंने मोदीनगर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी समेत मोदीनगर की विधायक को भी ज्ञापन दिया था. जिसको तकरीबन 2 से ढाई महीने बीत चुके हैं. बीते 1 महीने पहले भी बंदरों की समस्याओं को लेकर उन्होंने मोदीनगर तहसील परिसर में सांकेतिक धरना भी दिया था.
'3 अक्टूबर को करेंगे धरना'
इसके साथ ही मोदीनगर में बंदरो की समस्या को मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंचा दिया गया है. इतना सब करने के बावजूद भी अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. इसीलिए अब उन्होंने मजबूरी में 3 अक्टूबर दिन शनिवार को मोदीनगर नगर पालिका परिषद के गेट पर धरने पर बैठने का निर्णय लिया है.
इसके साथ ही कुसुम सोनी ने बताया कि बंदरों ने एक बच्ची को भी काट लिया था. जब वह सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए गई तो वहां पर जानवरों के काटने का इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं था. ऐसे ही उनके विद्यालय में भी पढ़ने आने वाले बच्चों को बंदर घायल कर चुके हैं. इतना सब होने के बावजूद शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि आंख मूंदकर सोए हुए हैं.