नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूजीसी द्वारा ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराने के निर्णय को लेकर मोदीनगर मुल्तानी मल कॉलेज के छात्र संघ नेता और छात्रों ने 1 दिन के सांकेतिक धरने पर बैठ गए हैं. सात ही छात्रों का कहना है कि यूजीसी ने निर्णय वापस नहीं लिया तो वह छात्र हित की लड़ाई के लिए सड़क पर आकर लड़ेंगे.
'यूजीसी और सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में धरना'
कोरोना काल के दौरान यूजीसी द्वारा ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा को लेकर और प्रथम, द्वितीय वर्ष के छात्रों से परीक्षा शुल्क लिए जाने को लेकर छात्र संघ नेता मनीषा त्यागी और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष योगेश तिवारी ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इन सभी को लेकर मनीषा त्यागी का कहना है कि मुल्तानी मल मोदी कॉलेज के परिसर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना यूजीसी और सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में किया जा रहा है.
छात्रों को लूटने का काम कर रही है यूजीसी
इसके साथ ही मनीषा त्यागी का कहना है कि जब छात्रों की कक्षाएं नहीं चल रही हैं और छात्र परीक्षा ही नहीं दे रहे हैं तो फिर प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों से परीक्षा शुल्क किस लिए लिया जा रहा है. यूजीसी और सरकारी तंत्र ने छात्रों और अभिभावकों को लूटने का जो एजेंडा बनाया है छात्र उसका विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने छात्रों के हित की लड़ाई सड़क से लेकर प्रशासन तक लड़ने की बात कही है.