नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन का चौथा चरण देश में लागू हो गया है. ऐसे में मिठाई की दुकानों, ढाबों और होटलों में ताले लगे हुए हैं तो शादी-विवाह और तीज त्योहार भी नहीं हो पा रहे हैं. इसकी वजह से दूध, पनीर और खोये की डिमांड ठप हो गई है. जिसके चलते दूध कारोबारी और पशुपालकों की हालत सबसे ज्यादा खराब है. ईटीवी भारती की टीम ने ऐसे ही दूध सप्लाई करने वाले सुवालीन की आपबीती सुनी...
नहीं मिल रहे दूध के पैसे
ईटीवी भारत को गली मोहल्ले में दूध की सप्लाई करने वाले सुवालीन ने बताया कि लाॅकडाउन में उनका दूध तो बिक रहा है, लेकिन उनको दूध के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि लोगों के पास रोजगार नहीं है. लेकिन वह जिन किसानों से भैंस और चारा खरीदते हैं. वह उनसे पैसों की मांग करते रहते हैं लेकिन जब वह अपने ग्राहकों से दूध के पैसे मांगते हैं तो उनका कहना होता है कि लाॅकडाउन चल रहा है, ऐसे में वह उनको पैसे कहा से दें.
दूध की मांग में आई कमी
इसके साथ ही दूध कारोबारी ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से दूध की मांग में भी कमी आई है. एक किलो दूध खरीदने वाला व्यक्ति अब ढाई सौ ग्राम दूध में ही अपना गुजारा कर रहा है और वह जब लोगों के घर दूध देना जाते हैं तो कोरोना वायरस के डर से लोगों के दूध का बर्तन भी नहीं पकड़ते हैं.