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मुरादनगर में मीट व्यापारियों की गुहार, दुकानें खोलने की इजाजत दे सरकार - delhincr news

मुरादनगर के मीट व्यापारियों का कहना है कि उनके पास मीट बेचने का लाइसेंस होने के बावजूद उनकी दुकानें नहीं खुल पा रही है. इसलिए वह सरकार से लाॅकडाउन के सभी नियमों का पालन करने का वचन देते हुए दुकान खोलने की इजाजत मांग रहे हैं.

meat traders request uttar Pradesh government to open meat shop in muradnagar
मुरादनगर में मीट व्यापारियों की गुहार
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Published : May 21, 2020, 4:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित कुरैशियान मोहल्ले में मीट का व्यापार करने वाले काफी व्यापारी रहते हैं. जिनका कमाई का एकमात्र साधन मीट का व्यापार करना है. लेकिन संपूर्ण भारत में लाॅकडाउन हो जाने के बाद से उनकी मीट की दुकानें अब तक नहीं खुल पाई हैं. जिसके कारण उनका रोजगार बंद हो गया है और वह भुखमरी की कगार पर पहुंचने को तैयार है. ऐसे में मीट व्यापारियों को डर है कि अगर ऐसे ही मीट की दुकानें बंद रही तो वह अपने घर परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे. इसीलिए मीट व्यापारियों ने अपने मीट के लाइसेंस दिखाते हुए सरकार से लाॅकडाउन में मीट की दुकानें खोलने की अपील की है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मीट व्यापारियों से खास बातचीत की.

मुरादनगर में मीट व्यापारियों की गुहार
ईटीवी भारत को मीट का व्यापार करने वाले हाजी इस्माइल ने बताया कि मीट की दुकानें ना खुलने से उनको दिक्कतें आ रही हैं. मीट बेचने का लाइसेंस दिखाते हुए उनका कहना है कि सरकार ने हमको मीट बेचने का लाइसेंस तो दिया है. लेकिन अब त्यौहार आ रहा है जिसमें भी उनकी दुकान नहीं खुल पा रही हैं.

लाॅकडाउन का कर रहे हैं पालन

ईटीवी भारत को मीट व्यापारी मोहम्मद मीनू कुरैशी ने बताया कि वह लाॅकडाउन का पालन लगातार कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार उनको किसी भी तरीके से सहायता नहीं दे रही है. जिसकी वजह से वह बहुत परेशान हो रहे हैं घर में खाने के लिए दाने नहीं है, बच्चे भूख से परेशान हो रहे हैं. इसीलिए वह सरकार से चाहते हैं कि सरकार उन्हें मीट की दुकान खोलने की इजाजत दे.

भूख से बच्चे हो रहे हैं परेशान

इसके साथ ही मीट व्यापारी मोहम्मद हारुन का कहना है कि वह 2 महीने से काफी परेशान हैं. बच्चे भी अब परेशान होने लगे हैं सिर्फ लाॅकडाउन से पहले ही उनकी दुकानें खुली थी, जब से लेकर अभी तक उनकी दुकानें बंद पड़ी हुई हैं.

जनता कर्फ्यू के कारण बंद हैं दुकानें

ईटीवी भारत को मीट व्यापारी वकील कुरैशी ने बताया कि वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें दुकानें खोलने की इजाजत दें. वह सरकार से निवेदन करते हैं कि जब से जनता कर्फ्यू लगा है. तभी से उनके बच्चों का काम बंद हो गया है. इसलिए अब उनको मीट की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी जाएं. इसके साथ मुरादनगर क्षेत्र में शेल्टर हाउस बनना चाहिए.


उधार मांग कर कर रहे हैं गुजारा

इसके साथ ही मीट व्यापारी वकील ने बताया कि मुरादनगर क्षेत्र में मीट बेचने के लिए 42 लोगों के पास लाइसेंस हैं. जिसमें सभी की दुकानें मॉडल बनी हुई हैं. लेकिन अब मीट की दुकानें बंद हो जाने से सभी मीट व्यापारी उधार मांग कर अपना गुजारा कर रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित कुरैशियान मोहल्ले में मीट का व्यापार करने वाले काफी व्यापारी रहते हैं. जिनका कमाई का एकमात्र साधन मीट का व्यापार करना है. लेकिन संपूर्ण भारत में लाॅकडाउन हो जाने के बाद से उनकी मीट की दुकानें अब तक नहीं खुल पाई हैं. जिसके कारण उनका रोजगार बंद हो गया है और वह भुखमरी की कगार पर पहुंचने को तैयार है. ऐसे में मीट व्यापारियों को डर है कि अगर ऐसे ही मीट की दुकानें बंद रही तो वह अपने घर परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे. इसीलिए मीट व्यापारियों ने अपने मीट के लाइसेंस दिखाते हुए सरकार से लाॅकडाउन में मीट की दुकानें खोलने की अपील की है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मीट व्यापारियों से खास बातचीत की.

मुरादनगर में मीट व्यापारियों की गुहार
ईटीवी भारत को मीट का व्यापार करने वाले हाजी इस्माइल ने बताया कि मीट की दुकानें ना खुलने से उनको दिक्कतें आ रही हैं. मीट बेचने का लाइसेंस दिखाते हुए उनका कहना है कि सरकार ने हमको मीट बेचने का लाइसेंस तो दिया है. लेकिन अब त्यौहार आ रहा है जिसमें भी उनकी दुकान नहीं खुल पा रही हैं.

लाॅकडाउन का कर रहे हैं पालन

ईटीवी भारत को मीट व्यापारी मोहम्मद मीनू कुरैशी ने बताया कि वह लाॅकडाउन का पालन लगातार कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार उनको किसी भी तरीके से सहायता नहीं दे रही है. जिसकी वजह से वह बहुत परेशान हो रहे हैं घर में खाने के लिए दाने नहीं है, बच्चे भूख से परेशान हो रहे हैं. इसीलिए वह सरकार से चाहते हैं कि सरकार उन्हें मीट की दुकान खोलने की इजाजत दे.

भूख से बच्चे हो रहे हैं परेशान

इसके साथ ही मीट व्यापारी मोहम्मद हारुन का कहना है कि वह 2 महीने से काफी परेशान हैं. बच्चे भी अब परेशान होने लगे हैं सिर्फ लाॅकडाउन से पहले ही उनकी दुकानें खुली थी, जब से लेकर अभी तक उनकी दुकानें बंद पड़ी हुई हैं.

जनता कर्फ्यू के कारण बंद हैं दुकानें

ईटीवी भारत को मीट व्यापारी वकील कुरैशी ने बताया कि वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें दुकानें खोलने की इजाजत दें. वह सरकार से निवेदन करते हैं कि जब से जनता कर्फ्यू लगा है. तभी से उनके बच्चों का काम बंद हो गया है. इसलिए अब उनको मीट की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी जाएं. इसके साथ मुरादनगर क्षेत्र में शेल्टर हाउस बनना चाहिए.


उधार मांग कर कर रहे हैं गुजारा

इसके साथ ही मीट व्यापारी वकील ने बताया कि मुरादनगर क्षेत्र में मीट बेचने के लिए 42 लोगों के पास लाइसेंस हैं. जिसमें सभी की दुकानें मॉडल बनी हुई हैं. लेकिन अब मीट की दुकानें बंद हो जाने से सभी मीट व्यापारी उधार मांग कर अपना गुजारा कर रहे हैं.

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