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गाजियाबाद: संसद हमले में शहीद की मां को नहीं मिल पा रहा अस्पताल और ऑक्सीजन - गाजियाबाद शहीद की मां को नहीं मिल रही ऑक्सीजन

गाजियाबाद के टीला गांव के निवासी शहीद देशराज मावी साल 2001 में हुए संसद भवन के हमले में शहीद हो गए थे. आज उनके परिवार की हालत बेहद खराब है. उनकी मां को ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है.

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शहीद की मां दर-दर भटकने पर मजबूर
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Published : May 5, 2021, 10:35 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल 2001 में भारत के संसद भवन पर हुए हमले में उस वक्त पीडब्ल्यूडी कर्मचारी देशराज मावी ड्युटी पर तैनात थे. गाजियाबाद के टीला गांव के रहने वाले देशराज मावी संसद पर हुए हमले के दौरान शहीद हो गए थे. लेकिन आज उसी शहीद देशराज मावी की मां पिछले कईं दिनों से बीमार है, लेकिन परिवार अपनी लाचारी के कारण बीमार पड़ी मां को किसी अस्पताल में भर्ती नहीं करवा पा रहा है. शहीद देशराज के परिवार के पास ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल करवाने तक के पैसे नहीं हैं.

शहीद की मां दर-दर भटकने पर मजबूर

ये भी पढ़ें: न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी: ऑक्सीजन सिलेंडर ज्यादा दान पर बेचने वाले दो गिरफ्तार


नगर निगम जोन में लगेंगे 36 घंटे
परिवार बीमार पड़ी मां का इलाज कराने के लिए हर संभव प्रयास में जुटा हुआ है. इसी के चलते वे मोहन नगर स्थित नगर निगम दफ्तर भी पहुंचे, जहां पर सिलेंडर रिफिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा था, लेकिन इसके लिए सिलेंडर को निगम दफ्तर में 36 से 48 घंटे के लिए छोड़ने के लिए बोला गया है, जिसके बाद ही सिलेंडर वापस ले सकते है, लेकिन इससे शहीद की मां की जिंदगी लगातार खतरे में बनी रहेगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल 2001 में भारत के संसद भवन पर हुए हमले में उस वक्त पीडब्ल्यूडी कर्मचारी देशराज मावी ड्युटी पर तैनात थे. गाजियाबाद के टीला गांव के रहने वाले देशराज मावी संसद पर हुए हमले के दौरान शहीद हो गए थे. लेकिन आज उसी शहीद देशराज मावी की मां पिछले कईं दिनों से बीमार है, लेकिन परिवार अपनी लाचारी के कारण बीमार पड़ी मां को किसी अस्पताल में भर्ती नहीं करवा पा रहा है. शहीद देशराज के परिवार के पास ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल करवाने तक के पैसे नहीं हैं.

शहीद की मां दर-दर भटकने पर मजबूर

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नगर निगम जोन में लगेंगे 36 घंटे
परिवार बीमार पड़ी मां का इलाज कराने के लिए हर संभव प्रयास में जुटा हुआ है. इसी के चलते वे मोहन नगर स्थित नगर निगम दफ्तर भी पहुंचे, जहां पर सिलेंडर रिफिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा था, लेकिन इसके लिए सिलेंडर को निगम दफ्तर में 36 से 48 घंटे के लिए छोड़ने के लिए बोला गया है, जिसके बाद ही सिलेंडर वापस ले सकते है, लेकिन इससे शहीद की मां की जिंदगी लगातार खतरे में बनी रहेगी.

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