नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में कुछ बैंकिंग कार्य ऐसे हैं, जो बिना बैंक में जाए नहीं हो सकते हैं. ऐसे ही बैंकिंग कार्यों को करने के लिए लोग लगातार बैंकों में पहुंच रहे हैं. जिससे बैंकों के बाहर नोटबंदी के बाद लगी कतारों जैसी कतारें लग गई हैं. जनपद के वजीराबाद रोड स्थित बैंक के बाहर लंबी कतार लगी हुई है.
चिलचिलाती धूप में लोग अपने बैंकिंग कार्यों के लिए आ रहे हैं. इसी कतार में दिव्यांग मोहम्मद तालिब भी पहुंचे. मोहम्मद तालिब का कहना है बैंक के अंदर उन्हें प्राथमिकता से जाने दिया गया. लेकिन उनका बैंकिंग कार्य नहीं हो पाया. काम नहीं होने से चिलचिलाती धूप में वापस लौटते समय, मोहम्मद तालिब काफी निराश दिखाई दिए.
मोहम्मद तालिब का कहना है कि पड़ोसी के साथ किसी तरह से बैंक में पहुंचे थे. इससे पहले भी बैंक पहुंचे थे, लेकिन बैंकिंग कार्यों में कई कारणों से दिक्कत आ रही है. मोहम्मद तालिब को उनके अकाउंट के बारे में ठीक से जानकारी नहीं मिल पा रही है.
बैंक के कर्मचारी ने बताया है कि खाता बंद हो चुका है, लेकिन उसमें रुपए हैं. उन्हीं रुपयों को निकालने के लिए वह लगातार बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. क्योंकि उनके सामने इस समय आर्थिक तंगी खड़ी हुई है.
लॉकडाउन 3.0 में कुछ रियायतें मिलने के बाद लोगों की संख्या बैंकों में भी बढ़ी है और यह भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि बैंक के बाहर कतारें लग गई हैं. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कतारें लगी हैं, उसने नोटबंदी की याद दिला दी है. क्योंकि नोटबंदी के समय भी इसी तरह की कतारें लगी थी.
ज्यादा भीड़ होने की वजह से बैंक कर्मचारी भी परेशान है और असमंजस की स्थिति होने की वजह से लोगों को ठीक से सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. सभी लोगों से संबंधित शिकायतें सुनने में बैंक कर्मचारियों का काफी वक्त लग रहा है. जिससे अन्य कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है. इसी वजह से सभी परेशानी का सामना कर रहे हैं.