नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद में अधिवक्ताओं का कहना है कि काफी समय पहले ग्रामीण न्यायालय बनाने का एक्ट पास हो चुका है. लेकिन गाजियाबाद के मोदीनगर में ग्रामीण न्यायालय की स्थापना नहीं की जा रही है.
बता दें कि अधिवक्ता संघ लगातार तहसील परिसर में ग्रामीण न्यायालय स्थापित करने की मांग कर रहा है. लेकिन आरोप है कि अधिकारी उसे अनसुना कर रहे हैं.
अधिकारियों ने दिया आश्वासन
तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने इस मामले में कहा है कि शासन को ग्रामीण न्यायालय का प्रस्ताव भेजा जा चुका है और जल्द अस्थाई न्यायालय की स्थापना करने की कोशिश की जाएगी. उनका कहना है कि अधिवक्ताओं को इस विषय में आश्वस्त किया जा रहा है. उन्होंने अधिवक्ताओं से धरना खत्म करने की मांग की.
'चलता रहेगा धरना'
अधिवक्ता कह रहे हैं कि धरना अभी चलता रहेगा. हालांकि आज जब संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान हंगामा प्रदर्शन हुआ, तो कई फरियादियों को परेशानी उठानी पड़ी. वहीं अधिवक्ताओं का कहना है कि ग्रामीण न्यायालय बन जाने से ग्रामीणों को मुकदमों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. मोदीनगर में ही मुकदमों की सुनवाई हो पाएगी.