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जानिए कैसे प्रदूषण बना डॉक्टरों के लिए परेशानी

प्रदूषण से होने वाली परेशानियों को ग्रामीण कोरोना संक्रमण समझकर भयभीत हो रहे हैं. जोकि अपने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं.

प्रदूषण
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Published : Dec 4, 2021, 11:04 PM IST

गाजियाबाद: बढ़ते प्रदूषण स्तर की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ रही है. प्रदूषण से होने वाली परेशानियों को ग्रामीण कोरोना संक्रमण समझकर भयभीत हो रहे हैं. जोकि अपने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं. ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर उनको जागरूक कर रहे हैं.


बीते कई दिनों से गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बना हुआ है. जिसकी वजह से जिला प्रशासन की मुसीबत बढ़ी हुई है. वहीं दूसरी ओर बढ़ता प्रदूषण स्तर गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशान करने के साथ-साथ क्षेत्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के लिए भी मुसीबत का सबब बन रहा है. प्रदूषण के चलते होने वाली मामूली परेशानियों को ग्रामीण कोरोना संक्रमण समझकर भयभीत हो जाते हैं. जोकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश कुमार प्रदूषण से ग्रस्त होकर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आने वाले लोगों को पाॅल्यूशन के प्रति जागरूक कर रहे हैं और इससे बचाव के लिए उपाय भी बता रहे हैं.

ये भी पढे़ं: ओमीक्रॉन से खौफ में लोग, ग्रामीण इलाकों के बुजुर्गों में वैक्सीनेशन के लिए बढ़ा उत्साह



मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने की वजह से सांस की बीमारी पैदा होती है. प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो जाती है कि कहीं वह कोरोना से संक्रमित तो नहीं हो गया है. जिसकी वजह से चिकित्सकों पर भी दबाव बढ़ता है और कोरोना के अधिक जांचों को चैक करना पड़ता है.

प्रदूषण बना डॉक्टरों के लिए परेशानी
चिकित्सा अधीक्षक दिनेश कुमार ने यह भी बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का हमेशा इस्तेमाल करें. बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते समय एहतियात बरतनी चाहिए. उनको खासकर सुबह और शाम घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. तो वहीं दूसरी ओर मुरादनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर की भी व्यवस्था की गई है.

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गाजियाबाद: बढ़ते प्रदूषण स्तर की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ रही है. प्रदूषण से होने वाली परेशानियों को ग्रामीण कोरोना संक्रमण समझकर भयभीत हो रहे हैं. जोकि अपने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं. ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर उनको जागरूक कर रहे हैं.


बीते कई दिनों से गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बना हुआ है. जिसकी वजह से जिला प्रशासन की मुसीबत बढ़ी हुई है. वहीं दूसरी ओर बढ़ता प्रदूषण स्तर गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशान करने के साथ-साथ क्षेत्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के लिए भी मुसीबत का सबब बन रहा है. प्रदूषण के चलते होने वाली मामूली परेशानियों को ग्रामीण कोरोना संक्रमण समझकर भयभीत हो जाते हैं. जोकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश कुमार प्रदूषण से ग्रस्त होकर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आने वाले लोगों को पाॅल्यूशन के प्रति जागरूक कर रहे हैं और इससे बचाव के लिए उपाय भी बता रहे हैं.

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मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने की वजह से सांस की बीमारी पैदा होती है. प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो जाती है कि कहीं वह कोरोना से संक्रमित तो नहीं हो गया है. जिसकी वजह से चिकित्सकों पर भी दबाव बढ़ता है और कोरोना के अधिक जांचों को चैक करना पड़ता है.

प्रदूषण बना डॉक्टरों के लिए परेशानी
चिकित्सा अधीक्षक दिनेश कुमार ने यह भी बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का हमेशा इस्तेमाल करें. बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते समय एहतियात बरतनी चाहिए. उनको खासकर सुबह और शाम घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. तो वहीं दूसरी ओर मुरादनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर की भी व्यवस्था की गई है.

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