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गाजियाबाद: कैरम चैंपियन रश्मि युवाओं के लिए बनीं प्रेरणा - युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं रश्मि

गाजियाबाद की रहने वाली रश्मि ने कैरम में जहां अपने परिवार का नाम रोशन किया, वहीं देश का सम्मान भी बढ़ाया. रश्मि का इस मंजिल तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन अपने बुलंद हौसलों की वजह से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया.

carrom champion rashim story
कैरम चैंपियन रश्मि युवाओं के लिए प्रेरणा
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Published : Mar 8, 2021, 4:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : चैंपियन बनने की मंजिल तक जो रास्ता जाता है, वो आसान नहीं होता. लेकिन बुलंद हौसलों के सामने कोई भी सफर नामुमकिन नहीं होता है. आइये आपको मिलवाते हैं, एक ऐसी बेटी से, जिनके पिता का साया बचपन में ही सिर से उठ गया था. इसके बाद भी अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कभी हार नहीं मानी.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद: फिल्मकार अनीता शर्मा ने कथक के माध्यम से दिखाए महिलाओं के विभिन्न रूप


परिवार और देश का नाम किया रोशन

गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहने वाली रश्मि ने कैरम खेल में परिवार और देश का नाम रोशन किया. कैरम की दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रश्मि चैंपियन रह चुकी हैं. वहीं देश में भी कई अवार्ड उन्होंने अपने नाम किए हैं. रश्मि का कहना है कि पिता की मौत के बाद मां ने आगे बढ़ने का हौसला दिया, जिसके बदौलत वह मुकाम हासिल कर पाईं.

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शादी के बाद सबका मिला सहयोग

रश्मि की शादी साल 2009 में हुई थी. इसके बाद उनके पति और सास समेत पूरे ससुराल वालों ने उनकी प्रतिभा को सम्मान दिया. रश्मि आज भी कैरम खेलती हैं. इसी के बदौलत उन्हें सरकारी नौकरी भी मिली है. रश्मि उन लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो थोड़ी सी मुश्किल आते ही अपने लक्ष्य से रास्ता भटक जाते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : चैंपियन बनने की मंजिल तक जो रास्ता जाता है, वो आसान नहीं होता. लेकिन बुलंद हौसलों के सामने कोई भी सफर नामुमकिन नहीं होता है. आइये आपको मिलवाते हैं, एक ऐसी बेटी से, जिनके पिता का साया बचपन में ही सिर से उठ गया था. इसके बाद भी अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कभी हार नहीं मानी.

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परिवार और देश का नाम किया रोशन

गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहने वाली रश्मि ने कैरम खेल में परिवार और देश का नाम रोशन किया. कैरम की दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रश्मि चैंपियन रह चुकी हैं. वहीं देश में भी कई अवार्ड उन्होंने अपने नाम किए हैं. रश्मि का कहना है कि पिता की मौत के बाद मां ने आगे बढ़ने का हौसला दिया, जिसके बदौलत वह मुकाम हासिल कर पाईं.

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शादी के बाद सबका मिला सहयोग

रश्मि की शादी साल 2009 में हुई थी. इसके बाद उनके पति और सास समेत पूरे ससुराल वालों ने उनकी प्रतिभा को सम्मान दिया. रश्मि आज भी कैरम खेलती हैं. इसी के बदौलत उन्हें सरकारी नौकरी भी मिली है. रश्मि उन लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो थोड़ी सी मुश्किल आते ही अपने लक्ष्य से रास्ता भटक जाते हैं.

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