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नारी तू नारायणी: ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पाल रहीं कमलेश - गाजियाबादमहिला दिवस की खबर

पति बीमार हो गए और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके बेटे की नौकरी चली गई. घर की आर्थिक हालत खराब होने लगी. ऐसे मुश्किल समय में कमलेश ने हार नहीं मानी और रिक्शा चलाना शुरू किया. अब कमलेश ई रिक्शा चलाकर लोगों के लिए मिसाल बन गई हैं.

Kamlesh of Ghaziabad is driving an e-rickshaw
ई रिक्शा चालक
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Published : Mar 8, 2021, 12:20 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की रहने वाली कमलेश न सिर्फ अपने परिवार के लिए, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी एक बड़ी मिसाल हैं, जो मुश्किल हालातों के सामने हार मान जाती हैं. करीब 1 साल पहले कमलेश के पति बुरी तरह से बीमार हो गए थे. इसके बाद उनके बेटे की पत्नी की अचानक मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया.

गाजियाबाद की कमलेश ई रिक्शा चलाती हैं

पूरे घर की जिम्मेदारी कमलेश उठा रहीं

बस फिर क्या था, बीमार पति और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके बेटे की नौकरी चले जाने से, घर की आर्थिक हालत खराब होने लगी. ऐसे में पूरे घर का जिम्मा कमलेश के सिर पर आ गया. लेकिन कमलेश ने हौसला नहीं तोड़ा. उन्होंने किराए का रिक्शा चलाना शुरू किया और फिर एक ही साल में अपना ई रिक्शा खरीद लिया.

घर चलाने लायक कमा लेती हूं

आज कमलेश ई रिक्शा चलाकर जितना भी कमाती हैं, उनका कहना है कि उससे घर चल जाता है. हालांकि आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन जाहिर है, कमलेश की हिम्मत और हौसला बाकी सभी महिलाओं के लिए एक बड़ी मिसाल है. कमलेश को देखकर दूसरी महिलाओं में भी हिम्मत आई है और वह कमलेश की तरह काम की तरफ प्रेरित हुई है.

ये भी पढ़ें:-नारी तू नारायणी: एक मां की संघर्षगाथा, जिसने दिलाया निर्भया को इंसाफ

महिला दिवस पर कमलेश की चर्चा

महिला दिवस के मौके पर जो भी कमलेश को ई रिक्शा चलाता हुआ देख रहा है, वह कमलेश की तारीफ कर रहा है. अगर वक्त के सामने हार मान कर कमलेश ने हौसला तोड़ दिया होता, तो शायद वह आज अपने परिवार को संभाल ना पातीं. पूरा परिवार भी बिखर सकता था. आर्थिक तंगी से परेशान आकर कई लोगों को इसी तरह से टूटते हुए देखा गया है. लेकिन एक महिला होकर जो हिम्मत कमलेश ने दिखाई वह वाकई सराहनीय है.

ये भी पढ़ें:-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: रेलवे ने बहादुर महिला वॉरियर्स के नाम पर समर्पित किए 7 इंजन

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की रहने वाली कमलेश न सिर्फ अपने परिवार के लिए, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी एक बड़ी मिसाल हैं, जो मुश्किल हालातों के सामने हार मान जाती हैं. करीब 1 साल पहले कमलेश के पति बुरी तरह से बीमार हो गए थे. इसके बाद उनके बेटे की पत्नी की अचानक मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया.

गाजियाबाद की कमलेश ई रिक्शा चलाती हैं

पूरे घर की जिम्मेदारी कमलेश उठा रहीं

बस फिर क्या था, बीमार पति और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके बेटे की नौकरी चले जाने से, घर की आर्थिक हालत खराब होने लगी. ऐसे में पूरे घर का जिम्मा कमलेश के सिर पर आ गया. लेकिन कमलेश ने हौसला नहीं तोड़ा. उन्होंने किराए का रिक्शा चलाना शुरू किया और फिर एक ही साल में अपना ई रिक्शा खरीद लिया.

घर चलाने लायक कमा लेती हूं

आज कमलेश ई रिक्शा चलाकर जितना भी कमाती हैं, उनका कहना है कि उससे घर चल जाता है. हालांकि आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन जाहिर है, कमलेश की हिम्मत और हौसला बाकी सभी महिलाओं के लिए एक बड़ी मिसाल है. कमलेश को देखकर दूसरी महिलाओं में भी हिम्मत आई है और वह कमलेश की तरह काम की तरफ प्रेरित हुई है.

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महिला दिवस पर कमलेश की चर्चा

महिला दिवस के मौके पर जो भी कमलेश को ई रिक्शा चलाता हुआ देख रहा है, वह कमलेश की तारीफ कर रहा है. अगर वक्त के सामने हार मान कर कमलेश ने हौसला तोड़ दिया होता, तो शायद वह आज अपने परिवार को संभाल ना पातीं. पूरा परिवार भी बिखर सकता था. आर्थिक तंगी से परेशान आकर कई लोगों को इसी तरह से टूटते हुए देखा गया है. लेकिन एक महिला होकर जो हिम्मत कमलेश ने दिखाई वह वाकई सराहनीय है.

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