नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में छेड़खानी का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद से देशभर के पत्रकारों में रोष है. मृतक पत्रकार के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग को लेकर गाजियाबाद के लोनी तहसील में पत्रकार इकट्ठा हुए. पत्रकारों ने मृतक पत्रकार की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा.
राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा. ज्ञापन में मृतक के परिजनों को 50 लाख के मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है. प्रदेश सरकार द्वारा मृतक पत्रकार के परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता, पत्नी को नौकरी, बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की थी.
देश का चौथे स्तंभ होते हैं पत्रकार
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र वर्मा ने कहा कि पत्रकार देश के चौथे स्तंभ के रूप में एक प्रहरी के तौर पर अपने फर्ज का निर्वहन करता है और जान जोखिम में डालकर अपने कार्य को अंजाम तक ले जाता है. बावजूद इसके पत्रकारों का उत्पीड़न किया जाता रहा है. उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल से पत्रकार विक्रम जोशी के बच्चों की पढ़ाई लिखाई एवं पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की हैं.
परिजनों को बेटियों की चिंता
बता दें कि पत्रकार अपने पीछे दो मासूम बेटियों और पत्नी को छोड़ गए हैं. पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. सभी को यह डर सता रहा है कि अब मासूम बेटियों को बिना पिता के सहारे जिंदगी गुजारनी होगी. उन्होंने अपनी आंखों से इस पूरी वारदात को होते हुए देखी है जिसे वो अपने जहन से शायद कभी नहीं भुला पाएंगी.