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मनचलों को सबक सिखाएगी ये मां-बेटी, आत्मरक्षा के लिए ले रही बॉक्सिंग ट्रेनिंग - fight

सातवीं क्लास की वैष्णवी बॉक्सिंग सीख रही हैं, साथ ही उनकी मां भी बॉक्सिंग सीख रही है. बॉक्सिंग को लेकर मां और बेटी की एक ही राय है. अपनी आत्मरक्षा के लिए बॉक्सिंग सिखनी जरूरी है.

सातवीं क्लास की वैष्णवी बॉक्सिंग सीख रही हैं
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Published : Jul 6, 2019, 11:48 PM IST

नई दिल्ली- दिल्ली के मनचलों को अब सर्तक रहने का समय आ गया है क्योंकि देश की बेटियां अब अपनी सुरक्षा के लिए तैयार हैं. गाजियाबाद में रहने वाली सातवीं क्लास की स्टूडेंट वैष्णवी बॉक्सिंग सीख रही हैं. मैरीकॉम उनकी प्रेरणा हैं.

मनचलों को सबक सिखाएगी ये मां-बेटी, आत्मरक्षा के लिए ले रही बॉक्सिंग ट्रेनिंग

बता दें कि बेटी वैष्णवी के साथ उनकी मां भी बॉक्सिंग सीख रही है. मां बेटी की बॉक्सिंग पर एक ही राय है. मां का कहना है कि सुरक्षा और करियर के लिए बॉक्सिंग जरूरी है, तो वहीं बेटी वैष्णवी कहती हैं कि कैरियर और आत्मरक्षा के लिए बॉक्सिंग सीखना उनके लिए जरूरी था.

अपनी आत्मरक्षा के लिए सीख रही बॉक्सिंग
हालाकि, कॉम्पिटिशन में काफी लड़के भी नजर आए और जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मान देकर प्रेरित किया गया. बॉक्सिंग के कोच ने बताया कि बॉक्सिंग सीखने वाली बेटियों की संख्या में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. और वह आत्मरक्षा के लिए बॉक्सिंग सीख रही हैं. प्रतियोगिता के आयोजक और कोच खुद मानते हैं कि आज बेटियां हर फील्ड में आगे बढ़ रही हैं

नई दिल्ली- दिल्ली के मनचलों को अब सर्तक रहने का समय आ गया है क्योंकि देश की बेटियां अब अपनी सुरक्षा के लिए तैयार हैं. गाजियाबाद में रहने वाली सातवीं क्लास की स्टूडेंट वैष्णवी बॉक्सिंग सीख रही हैं. मैरीकॉम उनकी प्रेरणा हैं.

मनचलों को सबक सिखाएगी ये मां-बेटी, आत्मरक्षा के लिए ले रही बॉक्सिंग ट्रेनिंग

बता दें कि बेटी वैष्णवी के साथ उनकी मां भी बॉक्सिंग सीख रही है. मां बेटी की बॉक्सिंग पर एक ही राय है. मां का कहना है कि सुरक्षा और करियर के लिए बॉक्सिंग जरूरी है, तो वहीं बेटी वैष्णवी कहती हैं कि कैरियर और आत्मरक्षा के लिए बॉक्सिंग सीखना उनके लिए जरूरी था.

अपनी आत्मरक्षा के लिए सीख रही बॉक्सिंग
हालाकि, कॉम्पिटिशन में काफी लड़के भी नजर आए और जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मान देकर प्रेरित किया गया. बॉक्सिंग के कोच ने बताया कि बॉक्सिंग सीखने वाली बेटियों की संख्या में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. और वह आत्मरक्षा के लिए बॉक्सिंग सीख रही हैं. प्रतियोगिता के आयोजक और कोच खुद मानते हैं कि आज बेटियां हर फील्ड में आगे बढ़ रही हैं

Intro:गाज़ियाबाद।देश की राजधानी दिल्ली के पास बेटियां बॉक्सिंग सीख रही हैं। और वह आत्म रक्षा के लिए तैयार हैं। बॉक्सिंग सीखने वाली बेटियों की संख्या में इजाफा हुआ है। यानी मनचलों की अब खैर नहीं है। यह बात गाजियाबाद में आयोजित किए गए एक बॉक्सिंग कंपटीशन में सामने आई।

Body:गाजियाबाद में रहने वाली सातवीं क्लास की स्टूडेंट वैष्णवी बॉक्सिंग सीख रही हैं। मैरीकॉम से उन्होंने प्रेरणा ली और बॉक्सिंग कंपटीशन में पार्ट लेने के लिए आई हैं। उनके बॉक्सिंग के जौहर कंपटीशन के दौरान नजर आए। जब उन्होंने सामने वाले खिलाड़ी पर मुक्कों की बरसात करते हुए दिखा दिया कि वैष्णवी किसी से कम नहीं है। लेकिन सिर्फ वैष्णवी ही नहीं। उनकी मां प्रीति भी बॉक्सिंग सीखने के लिए आती हैं। मां बेटी की इस पर एक राय है। मां का कहना है कि सुरक्षा और करियर के लिए बॉक्सिंग जरूरी है। तो वहीं बेटी वैष्णवी कहती हैं कि कैरियर बनाना और आत्मरक्षा करना दोनों के लिए बॉक्सिंग सीखना उनके लिए जरूरी था।


हालांकि कंपटीशन में काफी लड़के भी नजर आए और जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मान देकर प्रेरित किया गया। दिल्ली एनसीआर से यहां पर कंपटीशन में भाग लेने के लिए खिलाड़ी आए थे। बॉक्सिंग के कोच ने बताया कि बॉक्सिंग सीखने वाली बेटियों की संख्या में इन दिनों इजाफा हो गया है। और वह आत्म रक्षा के लिए बॉक्सिंग सीख रही हैं।

बाइट कोच

Conclusion:प्रतियोगिता के आयोजक और कोच खुद मानते हैं कि आज बेटियां हर फील्ड में आगे बढ़ रही हैं। आत्मरक्षा के लिए वह बॉक्सिंग भी सीख रही हैं। यानी दिल्ली एनसीआर के मनचले जो बेटियों को कमजोर समझते हैं। वह समझ ले कि बेटियां उन पर घूंसों की बरसात भी कर सकती हैं।

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