नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने आईएमटी कॉलेज को एक बड़ा झटका दिया है. मंगलवार को कॉलेज को आवंटित करोड़ों रुपये मूल्य के 10 हजार 8 सौ 41 वर्ग गज जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया.
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने जीडीए अधिकारियों की बनाई कमेटी की रिपोर्ट पर यह फैसला लिया है. अब जीडीए का संपत्ति विभाग इस मामले में आईएमटी मैनेजमेंट को पत्र लिखकर जमीन आवंटन के निरस्त होने की जानकारी लिखित में देगा.
जानकारी के लिए बता दें कि गत दिनों भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और नगर निगम पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने इस मामले को उठाते हुए आईएमटी कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया था कि करीब 10 हज़ार 8 सौ 41 वर्ग गज जमीन आईएमटी कॉलेज प्रशासन ने अवैध रूप से कब्जाई है. इतना ही नहीं आईएमटी ने संशोधित नक्शा पास कराकर इस जमीन को अपने कब्जे में लेकर उस पर छात्रावास भी बना दिया. इस पूरे मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल को भी की गई थी.
कॉलेज की जमीन को किया निरस्त
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने इस मामले में चार अफसरों की एक समिति बनाई थी. जिसने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कंचन वर्मा को सौंपी थी. सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आईएमटी कॉलेज की जमीन को निरस्त कर दिया है.