नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में 25 लोगों की जान ले लेने वाले लेंटर का निर्माण 14वें वित्त आयोग निधि के अंतर्गत ठेकेदार अजय त्यागी को फरवरी 2020 में मुरादनगर नगर पालिका परिषद ने ई टेंडरिंग के जरिए सौंपा था. आरोप है कि इसके लिए बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.
करीब 55 लाख रुपए का था टेंडर
ईटीवी भारत की टीम ने वहां पहुंचकर जब श्मशान घाट के पंडित से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि श्मशान घाट में हादसे को दावत देने वाले लेंटर का निर्माण 2 महीने पहले ही पूरा हुआ था. जिसमें तकरीबन 55 लाख रुपए का ठेका दिया गया था.
निर्माण के बाद ही दिखने लगी थी लेंटर में खामियां
ईटीवी भारत को श्मशान घाट के पंडित नरेश कुमार ने बताया कि श्मशान घाट में इस लेंटर का निर्माण दो महीने पहले पूरा किया गया था. जिसके बाद श्मशान घाट में आने वाले लोगों को इसमें खामियां दिखाई देती थी. इसके बाद जिसका डर था आखिर रविवार दोपहर को वही हुआ और 50 से 60 लोग इस लेंटर के नीचे दब गए.
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हादसे से एक दिन पहले निरीक्षण पर आए थे जेई
श्मशान घाट के पंडित ने बताया कि निर्माण कार्य की शुरुआत में नगर पालिका परिषद से जांच करने के लिए जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल आते रहते थे. जोकि हादसा होने से एक दिन पहले शनिवार को भी शमशान घाट में आए थे. यहां तक की मुरादनगर के चेयरमैन भी श्मशान घाट में आते रहते थे. लेकिन उनके साथ सिक्योरिटी होने के कारण वह खुद और स्थानीय निवासी लेंटर में दिख रही खामी की समस्या को उन तक नहीं पहुंचा पाए.