नई दिल्ली/गाजियाबाद: दीवाली के त्योहार में करीब 3 हफ्ते का समय बाकी है. ऐसे में कुम्हारों ने अभी से ही मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू कर दिया है. गर्मी के मौसम में घड़े और मिट्टी के बर्तन पर पड़े कोरोना की मार के बाद अब कुम्हारों को उम्मीद है तो आने वाली दीवाली से. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनका कारोबार एक बार फिर पहले की तरह चल पडे़गा.
गाजियाबाद के नवयुग मार्केट स्थित कुम्हार वाली गली में अभी से ही दीवाली को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. करीब 60 साल से मिट्टी के बर्तन का कारोबार करने वाली श्रीकौर बताती हैं कि अभी दीयों की बिक्री शुरू नहीं हुई है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में अच्छी बिक्री होगी.
'कोरोनाकाल में बाजार मंदा'
वहीं मिट्टी के बर्तन बनाने वाले श्रीचंद प्रजापति ने बताया कि इस साल पहले के मुकाबले बिक्री कम है. बिक्री 50% ही रह गई है. कम बिक्री होने की आशंका के कारण कम बर्तन बनाए हैं. इस बार कोरोनाकाल में बाजार सुस्त नजर आ रहा है.
'कारोबार पर कोरोना का असर'
इनके अलावा 70 साल के खेमचंद बताते हैं कि बीते 60 सालों में बिक्री दिवाली से पहले हमेशा ठीक रही है लेकिन इस साल लग रहा है कि बिक्री लगभग 50% कम होगी. बीते सालों में अच्छी खासी बिक्री होती थी. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे की वजह से इस बार कारोबार पर असर पड़ा है.