नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गजियाबाद में जीपीए के पदाधिकारियों ने लोहिया नगर से घण्टाघर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा तक ग़ांधी जी की वेशभूषा में विशाल पद यात्रा की. आजमगढ़, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ के अभिभावकों ने भी अपने अपने जिलो में पद यात्रा निकाल जीपीए का समर्थन किया.
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि उत्तर प्रदेश और गाजियाबाद जिले के अभिभावक कोरोना वैश्विक महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है. काम ,धंधे रोजगार पूर्णरूप से बंद हो गए हैं. हजारों अभिभावकों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है. इस महामारी के कारण प्रदेश के निजी स्कूल पिछले पांच महीने से पूर्णतया बंद हैं. उसके बाद भी प्रदेश और जिले के निजी स्कूल अभिभावकों पर पूरी फीस जमा करने का दबाब बना रहे हैं.
'निजी स्कूल दे रहे हैं धमकी'
पेरेंट्स एसोसिएशन के अनुसार ऑनलाइन क्लास में अभिभावको को ही अपना नेट, लेपटॉप/टेब/फोन आदि पर खर्चा कर ऑनलाइन शिक्षा बच्चों को दिलवाई जा रही है. अधिकतर बच्चे सुविधाओं के अभाव के कारण ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं. इसके कारण शिक्षा में समानता के अधिकार का भी हनन हो रहा है. निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा ना कर पाने वाले बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद करने और नाम काटने की धमकी दे रहे हैं.
ये हैं जीपीए की प्रमुख मांगे
- लॉकडाउन समय की एक तिमाही ( अप्रैल , मई , जून ) की फीस माफी का आदेश पारित किया जाए.
- स्कूल ना खुलने तक फीस का निर्धारण ऑनलाइन क्लास द्वारा दी जा रही शिक्षा के आधार पर हो.
- छात्र / छात्राओ की स्कूल द्वारा बंद की जा रही ऑन लाइन क्लास को तत्काल प्रभाव से शरू कराया जाए एवं कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के बच्चों के रजिस्ट्रेशन रोकने की धमकी देने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाए.
- फीस अधिनियम 2018 के अनुसार समस्त निजी स्कूलों की बैलेंस शीट की जांच की जाए.
- शिक्षा सत्र 2020/ 21 को शून्य सत्र घोषित कर बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाए.
- बच्चों के स्वास्थ्य के हितो एवं कोरोना के बढ़ते सक्रमण को ध्यान में रखते हुये किसी भी दशा में स्कूल खोलने का निर्णय नही लिया जाना चाहिए.