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मंडी में 3 रुपये किलो हुए लौकी के दाम, मजबूरी में पशुओं को खिला रहे किसान - Gourd farmers

लौकी की खेती करने वाले किसान का कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से खेत में तैयार हो चुकी लौकी की फसल का मंडियों में 3 से 4 रूपये किलो का भाव मिल रहा है. जिसके कारण उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही हैं. इसलिए वह मजबूरी में लौकी की फसल को अपने पशुओं को खिला रहे हैं.

Gourd farmers are getting problem
लौकी की खेती करने वाले किसान परेशान
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Published : Jun 6, 2020, 2:31 PM IST

नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण भारत देश में लंबे समय से किए गए लाॅकडाउन से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सब्जी किसानों का कहना है कि लाॅकडाउन के कारण उनको मंडियों में सब्जी के सही दाम नहीं मिल पा रहे, जिसके कारण उनकी लागत भी नही निकल पा रही है.

लौकी की खेती करने वाले किसान परेशान



फसल पूरी तरह तैयार

लौकी की खेती करने वाले किसान ने बताया कि खेतों में उनकी लौकी की फसल पूरी तरीके से तैयार हो चुकी है, लाॅकडाउन के कारण मंडियों में 20 से 25 किलो बिकने वाली लौकी 3 से 4 रूपये किलो के भाव में बिक रही हैं, जिसके कारण उनको लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. इसलिए वह लौकी को मंडियों में ना बेच कर अपने घर में पालतू पशुओं को खिला रहे हैं.



उधार लेकर की है लौकी की खेती

इसके साथ ही सब्जी की खेती करने वाले किसान ने बताया कि उन्होंने लौकी की खेती उधार पैसे और बीज लेकर की है. क्योंकि वो फसल बिक जाने के बाद उधार लिए हुए पैसों का भुगतान करते हैं. लेकिन इस बार लौकी की खेती मंडियों में सही दाम में नहीं बिक पाने के कारण वह कर्जे में डूब गए हैं.

नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण भारत देश में लंबे समय से किए गए लाॅकडाउन से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सब्जी किसानों का कहना है कि लाॅकडाउन के कारण उनको मंडियों में सब्जी के सही दाम नहीं मिल पा रहे, जिसके कारण उनकी लागत भी नही निकल पा रही है.

लौकी की खेती करने वाले किसान परेशान



फसल पूरी तरह तैयार

लौकी की खेती करने वाले किसान ने बताया कि खेतों में उनकी लौकी की फसल पूरी तरीके से तैयार हो चुकी है, लाॅकडाउन के कारण मंडियों में 20 से 25 किलो बिकने वाली लौकी 3 से 4 रूपये किलो के भाव में बिक रही हैं, जिसके कारण उनको लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. इसलिए वह लौकी को मंडियों में ना बेच कर अपने घर में पालतू पशुओं को खिला रहे हैं.



उधार लेकर की है लौकी की खेती

इसके साथ ही सब्जी की खेती करने वाले किसान ने बताया कि उन्होंने लौकी की खेती उधार पैसे और बीज लेकर की है. क्योंकि वो फसल बिक जाने के बाद उधार लिए हुए पैसों का भुगतान करते हैं. लेकिन इस बार लौकी की खेती मंडियों में सही दाम में नहीं बिक पाने के कारण वह कर्जे में डूब गए हैं.

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