नई दिल्ली/गाजियाबाद: रक्षाबंधन का त्योहार आने में चंद दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में बहनें अपने भाइयों के लिए साधारण राखियों के साथ-साथ सोने और चांदी से बनी राखियों की भी खरीदारी करती हैं, लेकिन इस बार सोने और चांदी की कीमत में जबरदस्त इजाफा होने से सर्राफा बाजार में मंदी छाई हुई है. कीमतों में बढ़ोतरी के साथ सर्राफा व्यापारी लाॅकडाउन को भी मंदी की वजह मानते हैं.
मुरादनगर: सर्राफा बाजार में छाई मंदी, कीमतों के साथ लॉकडाउन बनी वजह - ईद उल अजहा
गाजियाबाद के मुरादनगर में ईटीवी भारत को सर्राफा व्यापारियों ने बताया कि इस बार सोना-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होने से बाजार में मंदी छाई हुई है. यहां तक कि चांदी की बनी हुई राखियां भी नहीं बिक पा रही हैं.
मुरादनगर उद्योग व्यापार मंडल
नई दिल्ली/गाजियाबाद: रक्षाबंधन का त्योहार आने में चंद दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में बहनें अपने भाइयों के लिए साधारण राखियों के साथ-साथ सोने और चांदी से बनी राखियों की भी खरीदारी करती हैं, लेकिन इस बार सोने और चांदी की कीमत में जबरदस्त इजाफा होने से सर्राफा बाजार में मंदी छाई हुई है. कीमतों में बढ़ोतरी के साथ सर्राफा व्यापारी लाॅकडाउन को भी मंदी की वजह मानते हैं.
रक्षाबंधन से पहले सर्राफा व्यापार में छाई मंदी
इसके साथ ही सर्राफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि आमतौर पर रक्षाबंधन से पहले ज्वेलर्स का अच्छा काम होता था. लेकिन इस बार लगातार आ रहे त्योहारों के मद्देनजर भी उनको 50 से 60% तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि सोना या चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होने से सर्राफा व्यापार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन इस बार जो मंदी चल रही रही है, उसकी वजह लॉकडाउन है.
चांदी से बनी राखियों की नहीं हो रही है बिक्री
ईटीवी भारत को मुरादनगर उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने बताया कि इस बार सर्राफा बाजार में 90% तक कमी आई है. वहीं दूसरी ओर सोने और चांदी के भाव में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है. जिसकी वजह से इस बार काम बहुत ही कम है. जैसे कि इस बार ईद उल अजहा और रक्षाबंधन का त्योहार लगभग साथ ही हैं, लेकिन उस तरह की दुकानदारी बिल्कुल भी नहीं है. इसके साथ ही अजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने चांदी की राखियां भी ला कर रखी हुई हैं, लेकिन चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होने के कारण वह भी नहीं बिक पा रही है.
रक्षाबंधन से पहले सर्राफा व्यापार में छाई मंदी
इसके साथ ही सर्राफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि आमतौर पर रक्षाबंधन से पहले ज्वेलर्स का अच्छा काम होता था. लेकिन इस बार लगातार आ रहे त्योहारों के मद्देनजर भी उनको 50 से 60% तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि सोना या चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होने से सर्राफा व्यापार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन इस बार जो मंदी चल रही रही है, उसकी वजह लॉकडाउन है.
चांदी से बनी राखियों की नहीं हो रही है बिक्री
ईटीवी भारत को मुरादनगर उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने बताया कि इस बार सर्राफा बाजार में 90% तक कमी आई है. वहीं दूसरी ओर सोने और चांदी के भाव में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है. जिसकी वजह से इस बार काम बहुत ही कम है. जैसे कि इस बार ईद उल अजहा और रक्षाबंधन का त्योहार लगभग साथ ही हैं, लेकिन उस तरह की दुकानदारी बिल्कुल भी नहीं है. इसके साथ ही अजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने चांदी की राखियां भी ला कर रखी हुई हैं, लेकिन चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होने के कारण वह भी नहीं बिक पा रही है.