नई दिल्ली/गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तकरीबन तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. किसान गाजीपुर आंदोलन स्थल पर गर्मी के मौसम में रहने की व्यवस्था में जुटे हुए हैं.
झोपड़ी को तिरंगे के रंगों से रंगा गया
गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में रोहतक से आया झोपड़ीनुमा तिपहिया आर्कषण का केंद्र बना हुआ है. तिपहिए को पूरी तरह फूस की झोपड़ी से कवर किया गया है. इस झोपड़ी को तिरंगे के रंगों से रंगा गया है. उसके ऊपर तिरंगा लहरा रहा है और बगल में लगा है किसानी का झंडा. ऑटो के ऊपर बनाई गई झोपड़ी करीब 10 फीट लंबी 3 फीट चौड़ी है.
हुक्का पीने की भी व्यवस्था की गई
झोपड़ी में हुक्का पीने के साथ सोलर पैनल से पंखे चलने और मोबाइल चार्जिंग की भी व्यवस्था की गई है. झुग्गी को विकास, सोनू और जगबीर अपने दोस्तों के साथ रोहतक से लेकर पहुंचे गाजीपुर बार्डर पहुंचे हैं.
झोपड़ी में पांच लोगों के बैठने की व्यवस्था
किसान नेता राकेश टिकैत साफ कर चुके हैं कि आंदोलन अक्टूबर तक जारी रहेगा. ऐसे में अब गर्मी का मौसम शुरू हो रहा है. गर्मी से बचने के लिए किसान गांवों से इंतजाम करो गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं. रोहतक के युवा किसानों ने ऑटो पर ही एक चलती फिर झोपड़ी बना डाली है.
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आमतौर पर किसान जब कड़कड़ाती धूप और गर्मी में खेत में काम करते हैं तो इस बीच खेत में ही बनी झोपड़ी में कुछ देर आराम भी कर लेते हैं. झोपड़ी घास फूस से बनी होती है, ऐसे में गर्मी की तपिश अंदर तक नहीं आ पाती.