नई दिल्ली/ गाजियाबाद: नये साल की पूर्व संध्या पर गाजियाबाद एसएसपी का एक्शन देखने को मिला है. रिश्वत लेने वाले सब इंस्पेक्टर को एसएसपी ने तुरंत निलंबित कर दिया है. धोखाधड़ी के एक मामले में सब इंस्पेक्टर ने एक लाख की रिश्वत की मांग की थी. जिसमें से 30 हज़ार बतौर पेशगी ले लिए गए थे. मगर कप्तान साहब को इसकी जानकारी मिल गई और फिर दरोगा जी नप गए.
मामला गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके की गंग नहर पुलिस चौकी का है. यहां के चौकी प्रभारी संजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के एक मामले को दर्ज करवाने वाले नरेंद्र सिंह से आरोप पत्र दाखिल करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की थी. नरेंद्र सिंह ने रिश्वत के रूप में 30 हज़ार रुपये दे भी दिए थे .लेकिन, मामले की शिकायत एसएसपी को कर दी गई. जिसके बाद एसएसपी ने इंटरनल इंक्वायरी कराई और उसके बाद आरोप सही पाए गए. तत्काल प्रभाव से संजीव कुमार को निलंबित कर दिया गया है. सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि दरोगा संजीव कुमार ने पुलिस महकमे की छवि धूमिल की है.
गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार ने पहले भी इस बात का उदाहरण पेश किया है कि भ्रष्टाचार के मामले पर उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यही नीति अपनाने के लिए दिशा निर्देशित किया हुआ है. ऐसे में अगर भ्रष्टाचार बढ़ता है तो लोगों का पुलिस से विश्वास उठता है. मगर जब अधिकारी इस तरह की त्वरित कार्रवाई करते हैं तो एक नजीर साबित होती है और एक उम्मीद जगती है कि दोबारा इस तरह के भ्रष्टाचार करके कोई पुलिस कर्मी किसी आम आदमी को परेशान नहीं करेगा.
रिश्वत मामले में एसएसपी ने दरोगा को किया निलंबित - रिश्वत दरोगा एसएसपी सस्पेंड
मामला गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके की गंग नहर पुलिस चौकी का है. यहां के चौकी प्रभारी संजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के एक मामले को दर्ज करवाने वाले नरेंद्र सिंह से आरोप पत्र दाखिल करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की थी.
नई दिल्ली/ गाजियाबाद: नये साल की पूर्व संध्या पर गाजियाबाद एसएसपी का एक्शन देखने को मिला है. रिश्वत लेने वाले सब इंस्पेक्टर को एसएसपी ने तुरंत निलंबित कर दिया है. धोखाधड़ी के एक मामले में सब इंस्पेक्टर ने एक लाख की रिश्वत की मांग की थी. जिसमें से 30 हज़ार बतौर पेशगी ले लिए गए थे. मगर कप्तान साहब को इसकी जानकारी मिल गई और फिर दरोगा जी नप गए.
मामला गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके की गंग नहर पुलिस चौकी का है. यहां के चौकी प्रभारी संजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के एक मामले को दर्ज करवाने वाले नरेंद्र सिंह से आरोप पत्र दाखिल करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की थी. नरेंद्र सिंह ने रिश्वत के रूप में 30 हज़ार रुपये दे भी दिए थे .लेकिन, मामले की शिकायत एसएसपी को कर दी गई. जिसके बाद एसएसपी ने इंटरनल इंक्वायरी कराई और उसके बाद आरोप सही पाए गए. तत्काल प्रभाव से संजीव कुमार को निलंबित कर दिया गया है. सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि दरोगा संजीव कुमार ने पुलिस महकमे की छवि धूमिल की है.
गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार ने पहले भी इस बात का उदाहरण पेश किया है कि भ्रष्टाचार के मामले पर उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यही नीति अपनाने के लिए दिशा निर्देशित किया हुआ है. ऐसे में अगर भ्रष्टाचार बढ़ता है तो लोगों का पुलिस से विश्वास उठता है. मगर जब अधिकारी इस तरह की त्वरित कार्रवाई करते हैं तो एक नजीर साबित होती है और एक उम्मीद जगती है कि दोबारा इस तरह के भ्रष्टाचार करके कोई पुलिस कर्मी किसी आम आदमी को परेशान नहीं करेगा.