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गाजियाबाद के ऐसे शातिर चोर की कहानी, जो सुनवाई के दौरान कोर्ट जाने पर भी कर लेता था चोरी

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Published : Jul 3, 2022, 9:26 PM IST

गाजियाबाद पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने चोरी के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी के खिलाफ पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

पुलिस की गिरफ्त में सभी आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में सभी आरोपी

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: आज हम आपको एक ऐसे शातिर बदमाश की कहानी बताएंगे जो जेल से जमानत पर बाहर आया और फिर प्रण लेकर अपराध करने लगा. उसने प्रण लिया था कि जब भी वह सुनवाई के दौरान कोर्ट जाएगा तो वहां पर चोरी करेगा. जी हां, आरोपी मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जाता था तो कोर्ट परिसर में चोरी कर लेता था. इस गैंग के पकड़े जाने से यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली-एनसीआर में चोरी हुए वाहनों में से अधिकतर वाहन बरामद क्यों नहीं हो पाते हैं. गैंग के शातिर सदस्यों की करतूत के बारे में सुनेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे.

मामला गाजियाबाद के कौशांबी इलाके का है. यहां पर पुलिस ने विक्रम नाम के एक वाहन चोर और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया. विक्रम कुछ समय पहले वाहन चोरी के मामले में जेल में था. लेकिन जैसे ही बाहर आया उसने फिर से वाहन चोरी की वारदात शुरू कर दी. पुलिस को पता चला कि कौशांबी इलाके के भवापुर में एक गोदाम है जहां पर चोरी के वाहन काटे जा रहे हैं. बस पुलिस ने वहां छापा मारा और गैंग को दबोच लिया. पुलिस के सामने चौंकाने वाले तथ्य आए. गोदाम में से सैकड़ों वाहनों के पार्ट बरामद हुए हैं. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने गोदाम किराए पर ले रखा था और दिल्ली एनसीआर से चोरी किए गए वाहनों को यहां लाया जाता था. उन्हें कुछ मिनटों में ही काट दिया जाता था. सीधे शब्दों में कहें तो उनके सभी पार्ट अलग कर दिए जाते थे और उन्हें दिल्ली में बेच दिया जाता था. पुलिस जब वाहन की तलाश करती थी तो वाहन नहीं मिलता था, क्योंकि उसके पार्ट अलग-अलग करके भेज दिए गए होते थे. अब तक इन आरोपियों ने सैकड़ों वाहन चोरी किए हैं. इनमें ज्यादातर वाहन दोपहिया वाहन है.

जानकारी देते पुलिस अधिकारी

पुलिस के मुताबिक, इस गैंग का सरगना विक्रम है जो साहिबाबाद इलाके का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद उसके मामले की सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान जब वह कचहरी जाया करता था, तो वहां से एक वाहन चोरी करके लाया करता था. यह बात बेहद अनोखी है लेकिन पुलिस को पता चला है कि आरोपी ने प्रण लिया था कि वह जब भी सुनवाई पर जाएगा तो वहां से एक वाहन चोरी करके लाएगा. उस वाहन के पार्ट अलग करके बेच दिए जाते थे. निश्चित है कचहरी की सुरक्षा के बावजूद भी आरोपी ने वहां परिसर से वाहन चोरी किए हैं. पुलिस अब गोदाम के मालिक की तलाश कर रही है. इस गैंग के पकड़े जाने से यह भी साफ हो गया है कि दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी होने के बाद वाहन स्वामी को वह वापस क्यों नहीं मिल पाते हैं क्योंकि इस तरह के गैंग तुरंत उन वाहनों के पार्ट अलग कर देते हैं और उन्हें मार्केट में अलग-अलग जगह पर बेच दिया जाता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी हुई है कि दिल्ली में चोरी के वाहनों के पार्ट कहां कहां बेचे जाते हैं. इस मामले में कई बड़े खुलासे आने वाले वक्त में हो सकते हैं.

इसे भी पढे़ं: गाजियाबाद: शातिर चोर-सुनार गिरफ्तार, 4 लाख कैश और गहने बरामद

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नई दिल्ली/ गाजियाबाद: आज हम आपको एक ऐसे शातिर बदमाश की कहानी बताएंगे जो जेल से जमानत पर बाहर आया और फिर प्रण लेकर अपराध करने लगा. उसने प्रण लिया था कि जब भी वह सुनवाई के दौरान कोर्ट जाएगा तो वहां पर चोरी करेगा. जी हां, आरोपी मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जाता था तो कोर्ट परिसर में चोरी कर लेता था. इस गैंग के पकड़े जाने से यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली-एनसीआर में चोरी हुए वाहनों में से अधिकतर वाहन बरामद क्यों नहीं हो पाते हैं. गैंग के शातिर सदस्यों की करतूत के बारे में सुनेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे.

मामला गाजियाबाद के कौशांबी इलाके का है. यहां पर पुलिस ने विक्रम नाम के एक वाहन चोर और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया. विक्रम कुछ समय पहले वाहन चोरी के मामले में जेल में था. लेकिन जैसे ही बाहर आया उसने फिर से वाहन चोरी की वारदात शुरू कर दी. पुलिस को पता चला कि कौशांबी इलाके के भवापुर में एक गोदाम है जहां पर चोरी के वाहन काटे जा रहे हैं. बस पुलिस ने वहां छापा मारा और गैंग को दबोच लिया. पुलिस के सामने चौंकाने वाले तथ्य आए. गोदाम में से सैकड़ों वाहनों के पार्ट बरामद हुए हैं. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने गोदाम किराए पर ले रखा था और दिल्ली एनसीआर से चोरी किए गए वाहनों को यहां लाया जाता था. उन्हें कुछ मिनटों में ही काट दिया जाता था. सीधे शब्दों में कहें तो उनके सभी पार्ट अलग कर दिए जाते थे और उन्हें दिल्ली में बेच दिया जाता था. पुलिस जब वाहन की तलाश करती थी तो वाहन नहीं मिलता था, क्योंकि उसके पार्ट अलग-अलग करके भेज दिए गए होते थे. अब तक इन आरोपियों ने सैकड़ों वाहन चोरी किए हैं. इनमें ज्यादातर वाहन दोपहिया वाहन है.

जानकारी देते पुलिस अधिकारी

पुलिस के मुताबिक, इस गैंग का सरगना विक्रम है जो साहिबाबाद इलाके का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद उसके मामले की सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान जब वह कचहरी जाया करता था, तो वहां से एक वाहन चोरी करके लाया करता था. यह बात बेहद अनोखी है लेकिन पुलिस को पता चला है कि आरोपी ने प्रण लिया था कि वह जब भी सुनवाई पर जाएगा तो वहां से एक वाहन चोरी करके लाएगा. उस वाहन के पार्ट अलग करके बेच दिए जाते थे. निश्चित है कचहरी की सुरक्षा के बावजूद भी आरोपी ने वहां परिसर से वाहन चोरी किए हैं. पुलिस अब गोदाम के मालिक की तलाश कर रही है. इस गैंग के पकड़े जाने से यह भी साफ हो गया है कि दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी होने के बाद वाहन स्वामी को वह वापस क्यों नहीं मिल पाते हैं क्योंकि इस तरह के गैंग तुरंत उन वाहनों के पार्ट अलग कर देते हैं और उन्हें मार्केट में अलग-अलग जगह पर बेच दिया जाता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी हुई है कि दिल्ली में चोरी के वाहनों के पार्ट कहां कहां बेचे जाते हैं. इस मामले में कई बड़े खुलासे आने वाले वक्त में हो सकते हैं.

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