नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (Ghaziabad parents association) द्वारा गांधी पार्क से शहीद भगत सिंह की प्रतिमा तक शिक्षा क्रान्ति सत्याग्रह पदयात्रा निकाली गई. जीपीए पदाधिकारियों के मुताबिक, पद यात्रा का उद्देश्य निजी स्कूलों की मनमानी लूट पर रोक, प्रदेश के सरकारी विद्यालयों को विश्व स्तरीय बनाने और शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण पर केंद्र और प्रदेश सरकार को आकर्षित करना है.
शिक्षा क्रान्ति पदयात्रा गांधी पार्क से शरू होकर घंटाघर भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर समापन किया गया. पदयात्रा में भारी संख्या में अभिभावक और बच्चे शामिल हुए. कई राजनीतिक पार्टियों के नेता भी पद यात्रा में शामिल होने पहुंचे और अपना समर्थन दिया. पदयात्रा का विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भी समर्थन किया गया. पदयात्रा के दौरान अभिभावकों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर शिक्षा का व्यापारीकरण बंद करने की मांग की.
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि एसोसिएशन लंबे समय से अभिभावकों के हक की लड़ाई लड़ रही है. लेकिन अभिभावकों की मांगों को लेकर अभी तक सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तमाम राजनैतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में शिक्षा को अहम मुद्दा बनाएं.
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बता दें कि गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन लंबे समय से मांग कर रही है कि कोरोना काल में स्कूल लगभग 18 महीने से भी ज्यादा समय से बंद रहे. निजी स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षा के आधार पर जाे फी वसूली है उसे वापस करने का आदेश पारित किया जाए. साथ ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाए.
• प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सैनिक स्कूल खोला जाए.
• प्रदेश के सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सरकारी स्कूल खोले जाएं.
• प्रदेश के प्रत्येक सांसद और विधायक को कम से कम पांच सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए गोद दिया जाए.
• निजी स्कूलों की लूट और शिक्षा के बढ़ते व्यापारीकरण पर रोक लगाई जाए.
• कोरोना की ऑनलाइन शिक्षा की फीस निर्धारित की जाए.
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