नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में 1 जुलाई से सभी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस दोबारा से शुरू कर दी हैं. इस बीच स्कूलों के संचालकों द्वारा बनाई गई फेडरेशन ने एक लेटर जारी किया है. लेटर में कहा गया है कि सभी अभिभावकों को फीस जमा करनी ही पड़ेगी, क्योंकि शासन की तरफ से फीस में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है.
इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन के लेटर में कहा गया है कि अभिभावक चाहें, तो 3 महीने की बजाए, 1 महीने के हिसाब से फीस जमा कर सकते हैं. वहीं लगातार लॉकडाउन की फीस को माफ कराने की मांग कर रहे अभिभावक इस लेटर के बाद काफी गुस्से में हैं.
स्कूल पर दोहरे गलत रवैए का आरोप
अभिभावकों कहना है कि एक तरफ डीपीएस जैसे प्राइवेट स्कूल ने टीचर और स्टाफ को निकाल दिया है, तो वही पैरंट्स को फीस के लिए परेशान किया जा रहा है. लॉकडाउन में कई अभिभावकों की नौकरी नही बच पाई. वहीं कारोबार भी नहीं चल पा रही है. ऐसे में अभिभावक फीस कहां से लाएं, इस पर सरकार को सोचना चाहिए. अभिभावकों ने स्कूलों पर मनमानी के आरोप लगाए हैं.
बढ़ेगा घमासान
पेरेंट्स एसोसिएशन लगातार सरकार और स्कूलों से मांग कर रहे हैं कि वह लॉकडाउन के दौरान की फीस माफ करें. ऐसे में यह घमासान बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. क्योंकि खबर के मुताबिक ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने यह कहा है कि अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद स्कूलों के पास फंड नहीं है. ऐसे में उन्हें अपने कर्मचारियों का खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. वहीं अभिभावक यह कह रहे हैं कि इतने सालों तक अभिभावकों ने स्कूलों को फीस दी है. क्या 3 महीने की राहत अभिभावकों को स्कूल की तरफ से नहीं दी जा सकती? और अपने कर्मचारियों का गुजारा अपने प्रॉफिट में से स्कूल नही चला सकते?