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गाजियाबाद में नहीं मिलेंगी तंदूरी रोटी, नगर निगम ने लिया सख्‍त फैसला

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Published : Sep 24, 2019, 2:57 PM IST

एनजीटी की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम ने एक ठोस कदम उठाया है. गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए निगम ने शहर के तमाम कोयले से चलने वाले तंदूर और भट्टी को बंद करने के आदेश दिए हैं.

गाजियाबाद में नहीं मिलेंगी तंदूरी रोटी ETV BHARAT

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद में तंदूरी खानों का शौक रखने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है. क्योंकि, शहर में लकड़ी और कोयले से चलने वाले तंदूरों पर गाजियाबाद नगर निगम की ओर से प्रतिबंध लगाया जा रहा है.

गाजियाबाद में नहीं मिलेंगी तंदूरी रोटी

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने शहर के तमाम कोयले से चलने वाले तंदूर और भट्टी को बंद करने के आदेश दिए हैं. दरअसल राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ये कदम उठाया गया है.

एनसीआर में मंडराने लगा वायु प्रदूषण का खतरा
गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने बताया कि अक्टूबर महीने से एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरा मंडराने लगता है. जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है. वायु प्रदूषण का मुख्यकारण कूड़े को जलाना और भट्टियों और तंदूरों में कोयले का जलना है.

होटल-ढाबा मालिकों को दिए निर्देश
गाजियाबाद नगर निगम की ओर से क्षेत्र के तमाम होटल-ढाबा मालिकों को एक हफ्ते के भीतर कोयले की भट्टी और तंदूर को गैस में तब्दील करने का निर्देश दिया गया. यदि होटल- ढाबा मालिकों की तरफ से नगर निगम के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है. तो उनसे 5 से 50 हज़ार तक जुर्माना वसूला जाएगा.

गाजियाबाद नगर निगम की ओर से कोयले से चलने वाले तंदूर और भट्टी को अभियान चलाकर बंद करवाया जा रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद में तंदूरी खानों का शौक रखने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है. क्योंकि, शहर में लकड़ी और कोयले से चलने वाले तंदूरों पर गाजियाबाद नगर निगम की ओर से प्रतिबंध लगाया जा रहा है.

गाजियाबाद में नहीं मिलेंगी तंदूरी रोटी

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने शहर के तमाम कोयले से चलने वाले तंदूर और भट्टी को बंद करने के आदेश दिए हैं. दरअसल राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ये कदम उठाया गया है.

एनसीआर में मंडराने लगा वायु प्रदूषण का खतरा
गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने बताया कि अक्टूबर महीने से एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरा मंडराने लगता है. जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है. वायु प्रदूषण का मुख्यकारण कूड़े को जलाना और भट्टियों और तंदूरों में कोयले का जलना है.

होटल-ढाबा मालिकों को दिए निर्देश
गाजियाबाद नगर निगम की ओर से क्षेत्र के तमाम होटल-ढाबा मालिकों को एक हफ्ते के भीतर कोयले की भट्टी और तंदूर को गैस में तब्दील करने का निर्देश दिया गया. यदि होटल- ढाबा मालिकों की तरफ से नगर निगम के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है. तो उनसे 5 से 50 हज़ार तक जुर्माना वसूला जाएगा.

गाजियाबाद नगर निगम की ओर से कोयले से चलने वाले तंदूर और भट्टी को अभियान चलाकर बंद करवाया जा रहा है.

Intro:गाजियाबाद में तंदूरी खानों का शौक रखने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है क्योंकि शहर में लकड़ी और कोयले से चलने वाले तंदूरों पर गाज़ियाबाद नगर निगम द्वारा प्रतिबंध लगाया जा रहा है.


Body:दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने शहर के तमाम कोयले से चलने वाले तंदूर एवं भट्टी को बंद करने के आदेश दिए हैं. दरअसल राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम द्वारा ये कदम उठाया गया है.

गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने बताया अक्टूबर महीने से एनसीआर भर में वायु प्रदूषण का खतरा मंडराने लगता है जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है, वायु प्रदूषण का मुख्यकारण कूड़े को जलाना और भट्टियों और तंदूरों में कोयले का जलना है.

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा क्षेत्र के तमाम होटल/ ढाबा मालिकों को एक हफ्ते के भीतर कोयले की भट्टी/तंदूर को गैस में तब्दील करने का निर्देश दिया गया. यदि होटल/ ढाबा मालिकों द्वारा नगर निगम के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो उनसे पांच हज़ार से पचास हज़ार तक जुर्माना वसूला जाएगा.

visual: wrap se bheje hain




Conclusion:गाजियाबाद नगर निगम द्वारा कोयले से चलने वाले तंदूर/भट्टी को अभियान चलाकर बंद करवाया जा रहा है.
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