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प्रदूषण रोकने के लिए गाजियाबाद नगर आयुक्त ने तय की विभागों की जिम्मेदारी

दिल्ली एनसीआर दिवाली के बाद गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. हर साल अक्टूबर के महीने में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इससे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आती है. गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ (Ghaziabad Municipal Commissioner Dr Nitin Gaur) ने निगम के विभिन्न विभागों विभागों को प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम को लेकर निर्देश जारी किए हैं.

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Published : Oct 5, 2022, 10:26 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर में हर साल अक्टूबर के महीने में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इसके कारण लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बीते सालों की बात करें तो दिल्ली एनसीआर दिवाली के बाद गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर 100 से 200 AQI के बीच है. समय रहते गाजियाबाद नगर निगम ने प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम को लेकर रणनीति तैयार कर ली है.

गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ (Ghaziabad Municipal Commissioner Dr Nitin Gaur) ने निगम के विभिन्न विभागों विभागों को प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम को लेकर निर्देश जारी किए हैं. नगर आयुक्त ने विभिन्न विभागों को प्रदूषण की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की प्रतिदिन रिपोर्ट सौंपने के लिए भी निर्देशित किया है.

स्वास्थ्य विभाग को दिए गए निर्देश: नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथलेश को नगर आयुक्त द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण की लिए निर्देश दिए गए हैं कि सफाई कराने से पूर्व पानी का छिड़काव कराना सुनिश्चित करें. कूड़ा सड़क पर एकत्रित न होने पाए और नियमित कूड़े का उठान किया जाए.

शहरवासियों को कूड़ा कूड़े गाड़ी में ही डालने के लिए जागरूक करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा नियमित उचित सफाई व्यवस्था बनाए तथा एंटी स्मोक गन की व्यवस्था जारी रखने के लिए भी निर्देशित किया गया है.

निर्माण विभाग को दिए गए निर्देश: नगर आयुक्त द्वारा मुख्य अभियंता निर्माण एनके चौधरी को निर्देशित किया गया है कि वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों स्थल पर समय-समय पर पानी का छिड़काव एंटी स्मोक गन के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें.

साथ ही खुले में निर्माण सामग्री की बाजारी पर अंकुश लगाएं. इसके अलावा C&D वेस्ट का उठान कराना सुनिश्चित कराएं ताकि किसी प्रकार से पर्यावरण प्रभावित ना हो. शहर के गड्ढों को चिन्हित कर उनको भरवाया जाए.

जलकल विभाग को दिए गए निर्देश: महाप्रबंधक जल आनंद त्रिपाठी को नगर आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया है कि पानी के टैंकरों से नियमित रूप से शहर के मुख्य मार्गों पर छिड़काव की व्यवस्था कराएं तथा मुख्य चौराहों पर भी पानी के छिड़काव की व्यवस्था कराएं. प्रतिदिन चौराहों को धुलवाने की व्यवस्था भी कराई जाए ताकि धूल मुक्त स्थान कर प्रदूषण नियंत्रण की कार्यवाही किया जा सके.

ये भी पढ़ेंः सर्दियों में प्रदूषण को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल ने जारी किया 15 पॉइंट का विंटर एक्शन प्लान

उद्यान विभाग को दिए गए निर्देश: नगर आयुक्त द्वारा उद्यान प्रभारी डॉ अनुज को निर्देशित किया गया है कि वह प्रतिदिन पेड़ पौधों पर स्प्रिंकलर तथा वाटर टैंकर के माध्यम से छिड़काव कराना सुनिश्चित करें ताकि पेड़ पौधों पर कम से कम धूल रहे. जिससे कि वायु प्रदूषण नियंत्रित रहे. निगम द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पार्षद और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के साथ मिलकर शहर को भी जागरूक किया जा रहा है कि वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम का सहयोग करे.

नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर में हर साल अक्टूबर के महीने में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इसके कारण लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बीते सालों की बात करें तो दिल्ली एनसीआर दिवाली के बाद गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर 100 से 200 AQI के बीच है. समय रहते गाजियाबाद नगर निगम ने प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम को लेकर रणनीति तैयार कर ली है.

गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ (Ghaziabad Municipal Commissioner Dr Nitin Gaur) ने निगम के विभिन्न विभागों विभागों को प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम को लेकर निर्देश जारी किए हैं. नगर आयुक्त ने विभिन्न विभागों को प्रदूषण की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की प्रतिदिन रिपोर्ट सौंपने के लिए भी निर्देशित किया है.

स्वास्थ्य विभाग को दिए गए निर्देश: नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथलेश को नगर आयुक्त द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण की लिए निर्देश दिए गए हैं कि सफाई कराने से पूर्व पानी का छिड़काव कराना सुनिश्चित करें. कूड़ा सड़क पर एकत्रित न होने पाए और नियमित कूड़े का उठान किया जाए.

शहरवासियों को कूड़ा कूड़े गाड़ी में ही डालने के लिए जागरूक करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा नियमित उचित सफाई व्यवस्था बनाए तथा एंटी स्मोक गन की व्यवस्था जारी रखने के लिए भी निर्देशित किया गया है.

निर्माण विभाग को दिए गए निर्देश: नगर आयुक्त द्वारा मुख्य अभियंता निर्माण एनके चौधरी को निर्देशित किया गया है कि वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों स्थल पर समय-समय पर पानी का छिड़काव एंटी स्मोक गन के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें.

साथ ही खुले में निर्माण सामग्री की बाजारी पर अंकुश लगाएं. इसके अलावा C&D वेस्ट का उठान कराना सुनिश्चित कराएं ताकि किसी प्रकार से पर्यावरण प्रभावित ना हो. शहर के गड्ढों को चिन्हित कर उनको भरवाया जाए.

जलकल विभाग को दिए गए निर्देश: महाप्रबंधक जल आनंद त्रिपाठी को नगर आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया है कि पानी के टैंकरों से नियमित रूप से शहर के मुख्य मार्गों पर छिड़काव की व्यवस्था कराएं तथा मुख्य चौराहों पर भी पानी के छिड़काव की व्यवस्था कराएं. प्रतिदिन चौराहों को धुलवाने की व्यवस्था भी कराई जाए ताकि धूल मुक्त स्थान कर प्रदूषण नियंत्रण की कार्यवाही किया जा सके.

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उद्यान विभाग को दिए गए निर्देश: नगर आयुक्त द्वारा उद्यान प्रभारी डॉ अनुज को निर्देशित किया गया है कि वह प्रतिदिन पेड़ पौधों पर स्प्रिंकलर तथा वाटर टैंकर के माध्यम से छिड़काव कराना सुनिश्चित करें ताकि पेड़ पौधों पर कम से कम धूल रहे. जिससे कि वायु प्रदूषण नियंत्रित रहे. निगम द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पार्षद और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के साथ मिलकर शहर को भी जागरूक किया जा रहा है कि वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम का सहयोग करे.

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