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Ghaziabad MMG hospital में अलग पर्ची पर दवा लिखकर बाहर से दवा मंगवा रहे डॉक्टर

उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया था, लेकिन गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल (MMG Hospital in Ghaziabad) में उनके निर्देशाें की धज्जियां उड़ायी जा रही है. यहां मरीजाें काे बाहर से दवा खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत काे बतायी अपनी परेशानी.

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Published : Sep 3, 2022, 7:51 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने हाल ही में गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल का निरीक्षण किया था. उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए निर्देश दिया था. लेकिन, उपमुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद भी अस्पताल के हालात नहीं सुधरे. एमएमजी अस्पताल में (MMG Hospital in Ghaziabad) मरीजों काे दवा नहीं मिल रही है. बाहर से दवा मंगवायी जा रही है. जिससे मरीज परेशान हैं.

दवा वितरण कक्ष के बाहर लाइन में लगी अनीता ने बताया कि डॉक्टर द्वारा परामर्श पर्ची पर दवाइयां लिखी गई है, जिसे लेने के लिए वह लाइन में लगी हुई है. डॉक्टर द्वारा एक छोटी सी पर्ची पर कुछ दवाइयां लिखी गई है जो बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ेगी (Medicines purchased by patient in MMG Hospital). जिसके लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे. मरीज सुशीला ने बताया अस्पताल में दिखाने के बाद कुछ दवाइयां परामर्श पर्ची पर लिखी गई है. जबकि कुछ डॉक्टर द्वारा दी गई एक अलग से छोटी सी पर्ची पर लिखी हुई है, जिन्हें बाहर से खरीदने के लिए डॉक्टर द्वारा कहा गया है.

MMG hospital में दवा की कमी.

सुशीला ने कहा बाहर से दवाई खरीदना काफी मुश्किल है. मरीज नीलम ने बताया स्किन की समस्या के चलते अस्पताल में दिखाने आई थी. अस्पताल में डॉक्टर द्वारा कहा गया है कि कई दवाइयां अस्पताल में मौजूद नहीं है (ghaziabads mmg hospital has no medicine ). जिन्हें बाहर से खरीदना होगा. मरीज आशा सोनी ने बताया कि बाहर से दवा खरीदकर लाने काे बाेला गया है. बताया गया कि अस्पताल में दवा मौजूद नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः एम्स की मेस से लिए गए खाने के सैंपल हुए फेल, चटनी में मिला सिंथेटिक कलर

जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनोज चतुर्वेदी का कहना था अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां मौजूद हैं. अस्पताल के डॉक्टर सिर्फ जेनेरिक दवा आयुष्मान स्टोर से लिख सकते हैं. किसी डॉक्टर द्वारा बाहर के मेडिकल स्टोर से किसी कंपनी की दवा लिखना ठीक नहीं है. यदि कोई मामला संज्ञान में आता है तो डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही कर शासन को शिकायत भेजी जाएगी. समय समय पर अस्पताल के डॉक्टरों को निर्देशित किया जा रहा है कि बाहर की दवाइयां नहीं लिखी जाए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने हाल ही में गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल का निरीक्षण किया था. उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए निर्देश दिया था. लेकिन, उपमुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद भी अस्पताल के हालात नहीं सुधरे. एमएमजी अस्पताल में (MMG Hospital in Ghaziabad) मरीजों काे दवा नहीं मिल रही है. बाहर से दवा मंगवायी जा रही है. जिससे मरीज परेशान हैं.

दवा वितरण कक्ष के बाहर लाइन में लगी अनीता ने बताया कि डॉक्टर द्वारा परामर्श पर्ची पर दवाइयां लिखी गई है, जिसे लेने के लिए वह लाइन में लगी हुई है. डॉक्टर द्वारा एक छोटी सी पर्ची पर कुछ दवाइयां लिखी गई है जो बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ेगी (Medicines purchased by patient in MMG Hospital). जिसके लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे. मरीज सुशीला ने बताया अस्पताल में दिखाने के बाद कुछ दवाइयां परामर्श पर्ची पर लिखी गई है. जबकि कुछ डॉक्टर द्वारा दी गई एक अलग से छोटी सी पर्ची पर लिखी हुई है, जिन्हें बाहर से खरीदने के लिए डॉक्टर द्वारा कहा गया है.

MMG hospital में दवा की कमी.

सुशीला ने कहा बाहर से दवाई खरीदना काफी मुश्किल है. मरीज नीलम ने बताया स्किन की समस्या के चलते अस्पताल में दिखाने आई थी. अस्पताल में डॉक्टर द्वारा कहा गया है कि कई दवाइयां अस्पताल में मौजूद नहीं है (ghaziabads mmg hospital has no medicine ). जिन्हें बाहर से खरीदना होगा. मरीज आशा सोनी ने बताया कि बाहर से दवा खरीदकर लाने काे बाेला गया है. बताया गया कि अस्पताल में दवा मौजूद नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः एम्स की मेस से लिए गए खाने के सैंपल हुए फेल, चटनी में मिला सिंथेटिक कलर

जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनोज चतुर्वेदी का कहना था अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां मौजूद हैं. अस्पताल के डॉक्टर सिर्फ जेनेरिक दवा आयुष्मान स्टोर से लिख सकते हैं. किसी डॉक्टर द्वारा बाहर के मेडिकल स्टोर से किसी कंपनी की दवा लिखना ठीक नहीं है. यदि कोई मामला संज्ञान में आता है तो डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही कर शासन को शिकायत भेजी जाएगी. समय समय पर अस्पताल के डॉक्टरों को निर्देशित किया जा रहा है कि बाहर की दवाइयां नहीं लिखी जाए.

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