नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर देशभर को लॉकडाउन किया गया था. लॉकडाउन के दौरान तमाम प्रकार के व्यवसाय प्रभावित हुए. ऐसे में लोगों के रोजगार पर भी संकट आ गया.
इस संकट की घड़ी के दौरान एक तरफ लोगों ने अपनी जमा पुंजी से अपना और अपने परिवार का पेट भरा. वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी चुनौती बन गया.
जिला युवा जाट महासभा गाजियाबाद ने जिलाधिकारी से स्कूल फीस माफी की मांग की है. सोमवार को महासभा के पदाधिकारी जिला मुख्यालय पहुंचे और फीस माफी को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.
'राशन का इंतजाम करना भी बड़ी चुनौती'
जिला युवा जाट महासभा के अध्यक्ष अरुण चौधरी भुल्लन ने कहा कि लगातार निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा. इस वैश्विक महामारी में लोगों के सामने अपने और अपने परिवार के राशन का इंतजाम करना भी बड़ी चुनौती है. ऐसे में निजी स्कूल लगातार फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं.
जाट समाज ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सभी छोटे कारोबारियों, व्यापारियों और दुकानदारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन पीरियड की फीस माफी का फैसला लिया जाए और स्टाफ की स्थिति का ख्याल रखते हुए स्कूल संचालकों को निर्देशित किया जाए कि स्कूल अपने रिजर्व फंड से स्टाफ को सैलरी दें.