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गाजियाबाद: ट्रिपल 'T' फॉर्मूले से Omicron को शिकस्त देगा स्वास्थ्य विभाग

कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए गाजियाबाद का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आर. के. गुप्ता ने बताया कि भले ही जिले में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है, लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में है. स्वास्थ्य विभाग "ट्रीपल टी" फार्मूले पर काम कर रहा है.

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Published : Dec 28, 2021, 5:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ओमीक्रोन के खतरे के बीच गाजियाबाद में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में कोरोनावायरस की रफ्तार जिले में धीमी रही. दिसंबर का महीना शुरू होते ही गाजियाबाद में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी. गाज़ियाबाद में अगस्त में कोरोना के 26, सिंतबर में 18 अक्टूबर में 14 और नवंबर में 6 मामले सामने है. जबकि दिसंबर में कोरोना के 95 मामले सामने आ चुके. जोकि बीते चार महीनों में आए कोरोना के मामलों से अधिक हैं.

मौजूदा समय में जिले में कोरोनावायरस के 65, सक्रिय मरीज हैं. जिनमें से 60 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि चार विभिन्न अस्पतालों इलाज के लिए भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में सामने आ रहे कोरोना के मामले में गंभीर मामले सामने नहीं आ रहे हैं. या फिर यूं कहें कोरोना संक्रमित हो रहे मरीजों में अधिकतर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. अधिकतर मरीज़ होम आइसोलेशन में ही पूरी तरह से रिकवर हो रहे हैं.

ओमीक्रोन को लेकर गाजियाबाद का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट.

गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आर. के. गुप्ता ने बताया कि भले ही जिले में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है, लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में है. स्वास्थ्य विभाग "ट्रीपल टी" फार्मूले पर काम कर रहा है. "ट्रीपल टी" का मतलब है टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट (Testing, Tracing and Treatment). ट्रीटमेंट यानी इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में तैयारियां पूरी कर दी गई हैं. अस्पताल के स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है.

जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि जो भी कोरोनावायरस के नए मरीज़ सामने आ रहे हैं, उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. उन क्षेत्रों में टेस्टिंग कराई जा रही है. ओमीक्रोन के खतरे के बीच टेस्टिंग बूथ को भी बढ़ाया गया है. बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और हिंडन एयरपोर्ट पर भी टेस्टिंग बूथ बनाकर टेस्टिंग की जा रही है. कुल 42 बूथों पर टेस्टिंग की जा रही है. जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं वहां वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लोगों को वैक्सीनेट भी किया जा रहा है.

पढ़ें: 28 दिसंबर: आम आदमी पार्टी ने बड़ा उलटफेर करते हुए दिल्ली में बनाई थी सरकार, 49 दिन में इस्तीफा

वहीं, दिसंबर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया था. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया. जिले के सभी सरकारी विभागों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है.

बता दें, भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कुल 6,358 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 75,456 तक पहुंच गए हैं. दूसरी तरफ, कोरोना के नए स्वरूप ओमीक़ोन के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. भारत मे ओमीक़ोन संक्रमण के अब तक 653 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज 23 नए मामले सामने आए हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ओमीक्रोन के खतरे के बीच गाजियाबाद में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में कोरोनावायरस की रफ्तार जिले में धीमी रही. दिसंबर का महीना शुरू होते ही गाजियाबाद में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी. गाज़ियाबाद में अगस्त में कोरोना के 26, सिंतबर में 18 अक्टूबर में 14 और नवंबर में 6 मामले सामने है. जबकि दिसंबर में कोरोना के 95 मामले सामने आ चुके. जोकि बीते चार महीनों में आए कोरोना के मामलों से अधिक हैं.

मौजूदा समय में जिले में कोरोनावायरस के 65, सक्रिय मरीज हैं. जिनमें से 60 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि चार विभिन्न अस्पतालों इलाज के लिए भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में सामने आ रहे कोरोना के मामले में गंभीर मामले सामने नहीं आ रहे हैं. या फिर यूं कहें कोरोना संक्रमित हो रहे मरीजों में अधिकतर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. अधिकतर मरीज़ होम आइसोलेशन में ही पूरी तरह से रिकवर हो रहे हैं.

ओमीक्रोन को लेकर गाजियाबाद का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट.

गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आर. के. गुप्ता ने बताया कि भले ही जिले में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है, लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में है. स्वास्थ्य विभाग "ट्रीपल टी" फार्मूले पर काम कर रहा है. "ट्रीपल टी" का मतलब है टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट (Testing, Tracing and Treatment). ट्रीटमेंट यानी इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में तैयारियां पूरी कर दी गई हैं. अस्पताल के स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है.

जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि जो भी कोरोनावायरस के नए मरीज़ सामने आ रहे हैं, उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. उन क्षेत्रों में टेस्टिंग कराई जा रही है. ओमीक्रोन के खतरे के बीच टेस्टिंग बूथ को भी बढ़ाया गया है. बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और हिंडन एयरपोर्ट पर भी टेस्टिंग बूथ बनाकर टेस्टिंग की जा रही है. कुल 42 बूथों पर टेस्टिंग की जा रही है. जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं वहां वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लोगों को वैक्सीनेट भी किया जा रहा है.

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वहीं, दिसंबर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया था. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया. जिले के सभी सरकारी विभागों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है.

बता दें, भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कुल 6,358 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 75,456 तक पहुंच गए हैं. दूसरी तरफ, कोरोना के नए स्वरूप ओमीक़ोन के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. भारत मे ओमीक़ोन संक्रमण के अब तक 653 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज 23 नए मामले सामने आए हैं.

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