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वकीलों ने CM योगी को लिखी चिट्ठी, रद्द की गई IMT कॉलेज की जमीन मांगी - DELHI NCR

बार एसोसिशन ने ये भी कहा कि जिला न्यायालय से संबंधित विभिन्न ट्रिब्यूनल भी किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं. जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है. आम जनता के टैक्स से इकट्ठा हुआ पैसा पानी की तरह बह रहा है.

बार एसोसिएशन ने की जमीन की मांग
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Published : Jun 3, 2019, 11:55 AM IST

Updated : Jun 3, 2019, 3:26 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: IMT कॉलेज की रद्द की गई जमीन पर वकीलों ने चैम्बर बनाने की मांग की है, इसके लिए जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जिलाधिकारी गाजियाबाद और GDA को चिट्ठी लिखी है.

जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव विश्वास त्यागी ने बताया कि IMT कॉलेज प्रबंधन की कब्जाई गई अवैध जमीन गाजियाबाद न्यायालय परिसर से सटी हुई है. जिला न्यायालय परिसर में तीन हजार के लगभग वकील काम कर रहे हैं और करीब एक हजार अधिवक्ताओं के पास अपने चैम्बर भी नहीं है.

बार एसोसिशन ने ये भी कहा कि जिला न्यायालय से संबंधित विभिन्न ट्रिब्यूनल भी किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं. जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है. आम जनता के टैक्स से इक्टठा हुआ पैसा पानी की तरह बह रहा है.

विश्वास त्यागी, सचिव, जिला बार एसोसिएशन

बार एसोसिशन का ये भी तर्क है कि जिला न्यायालय परिसर में वकीलों एवं अधिकारियों के लिए पार्किंग और कैंटीन की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. जिस कारण न्यायालय एवं बार प्रांगण में असुरक्षा का माहौल बना रहता है. जिससे कभी भी कोई भी घटना हो सकती है इसलिए वकीलों को बेहतर सुविधा देने के लिए इस जमीन का आवंटन जिला एवं सत्र न्यायालय प्रांगण के लिए किया जाना चाहिए.

बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने आईएमटी कॉलेज की अवैध रूप से कब्जाई गई साढ़े 10 हजार गज जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है. साथ ही आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के भीतर जमीन से कब्जा हटाने के निर्देश भी दिए हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: IMT कॉलेज की रद्द की गई जमीन पर वकीलों ने चैम्बर बनाने की मांग की है, इसके लिए जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जिलाधिकारी गाजियाबाद और GDA को चिट्ठी लिखी है.

जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव विश्वास त्यागी ने बताया कि IMT कॉलेज प्रबंधन की कब्जाई गई अवैध जमीन गाजियाबाद न्यायालय परिसर से सटी हुई है. जिला न्यायालय परिसर में तीन हजार के लगभग वकील काम कर रहे हैं और करीब एक हजार अधिवक्ताओं के पास अपने चैम्बर भी नहीं है.

बार एसोसिशन ने ये भी कहा कि जिला न्यायालय से संबंधित विभिन्न ट्रिब्यूनल भी किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं. जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है. आम जनता के टैक्स से इक्टठा हुआ पैसा पानी की तरह बह रहा है.

विश्वास त्यागी, सचिव, जिला बार एसोसिएशन

बार एसोसिशन का ये भी तर्क है कि जिला न्यायालय परिसर में वकीलों एवं अधिकारियों के लिए पार्किंग और कैंटीन की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. जिस कारण न्यायालय एवं बार प्रांगण में असुरक्षा का माहौल बना रहता है. जिससे कभी भी कोई भी घटना हो सकती है इसलिए वकीलों को बेहतर सुविधा देने के लिए इस जमीन का आवंटन जिला एवं सत्र न्यायालय प्रांगण के लिए किया जाना चाहिए.

बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने आईएमटी कॉलेज की अवैध रूप से कब्जाई गई साढ़े 10 हजार गज जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है. साथ ही आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के भीतर जमीन से कब्जा हटाने के निर्देश भी दिए हैं.

जिला बार एसोसिएशन गाज़ियाबाद ने आईएमटी कॉलेज की निरस्त की गई जमीन पर वकीलों के लिए चैम्बर बनाने की मांग.

गाजियाबाद : जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश, जिलाधिकारी गाजियाबाद और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा को पत्र लिखकर आईएमटी कॉलेज की निरस्त की गई अवैध जमीन पर वकीलों के लिए चैम्बर बनाने की मांग की है.

इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव सचिव सचिव विश्वास त्यागी ने बताया कि ने बताया कि आईएमटी कॉलेज प्रबंधन द्वारा कब्जाई गई अवैध जमीन गाजियाबाद न्यायालय परिसर से सटी हुई है. जिला न्यायालय परिसर में तीन हजार के लगभग अधिवक्ता कार्य करते हैं और करीब 1 हज़ार अधिवक्ताओं के पास अपने चैम्बर भी नही है. इतना ही नहीं जिला न्यायालय से संबंधित विभिन्न ट्रिब्यूनल भी किराए की बिल्डिंग में संचालित हो रहे हैं. जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है तथा आम जनता के टैक्स से एकत्रित धन राशि का अपव्यय हो रहा है. इतना ही नहीं जिला न्यायालय परिसर में वकीलों एवं अधिकारियों के लिए पार्किंग व कैंटीन की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. जिस कारण न्यायालय एवं बार प्रांगण में असुरक्षा का माहौल प्रतिदिन बना रहता रहता बना रहता रहता है. जिससे कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है. इसलिए वकीलों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उक्त जमीन का आवंटन जिला एवं सत्र न्यायालय प्रांगण के लिए आवंटित किया जाना अत्यंत आवश्यक है.

आपको ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा आईएमटी कॉलेज द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई साढ़े 10 हज़ार गज जमीन का आवंटन निरस्त किया गया है.और साथ ही साथ आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के भीतर जमीन पर से कब्जा हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

Last Updated : Jun 3, 2019, 3:26 PM IST
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