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AAP ने योगी सरकार पर लगाया घोटाले का आरोप, कहा-हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो जांच - योगी सरकार में घोटाला

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. पार्टी ने कोरोना काल में हुए घोटाले की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता से करवाने की मांग की है. AAP नेताओं का कहना है कि घोटाले की जांच के लिए एसआईटी केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए बनाई गई है.

ghaziabad aap said Investigation of scam under supervision of High Court judge
AAP ने योगी सरकार पर लगाया घोटाले का आरोप, कहा-हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो जांच
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Published : Sep 13, 2020, 5:02 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : आम आदमी पार्टी के जिला संगठन ने आज जिला मुख्यालय स्थित मीडिया सेंटर पर प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. AAP नेताओं का कहना था कि कोरोना आपदा में प्रदेश में हुआ बड़ा घोटाला.

सुनें AAP ने योगी सरकार पर क्या-क्या आरोप लगाए

जिला अध्यक्ष चेतन त्यागी ने कहा कि कोरोना आपदा में अवसर तलाशने वाली योगी सरकार ने कोरोना किट की खरीद नाम पर ग्राम पंचायत से लेकर मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन तक 1-2 नहीं बल्कि 400 से 500 फीसदी घोटाला किया. सुल्तानपुर जनपद से योगी सरकार के इस भ्रष्टाचार और घोटाले की कड़ियां खुलनी शुरू हुई थी और आम आदमी पार्टी इन घोटालों पर लगातार नए-नए खुलासे कर रही है.

इस भ्रष्टाचार और घोटाले का दायरा 65 जिलों से ज्यादा तथा पूरे प्रदेश में फैला हुआ है. कोरोना काल में हुए इस भ्रष्टाचार ने ग्राम पंचायत से लेकर मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन में बैठे मुख्यमंत्री के खास अधिकारी शामिल हैं. ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच निष्पक्ष रूप से प्रदेश सरकार की ओर से गठित एसआईटी से नहीं हो सकती.

सीबीआई से करवाई जाए जांच

आम आदमी पार्टी का साफ मानना है कि इस महा घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए या फिर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर पूरे मामले की जांच हो. इससे कम आम आदमी पार्टी को कुछ भी मंजूर नहीं है.

प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि खुद को राष्ट्रवादी कहने वाली योगी सरकार ने 145000 रुपये में मिलने वाला हेमेटोलॉजी एनालाइजर 330000 रुपये में खरीदा है. वह भी एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों हजारों की संख्या में खरीदे गए हैं. यह असंभव है कि मुख्यमंत्री रोजाना 11:00 बजे अपनी टीम-11 की बैठक कर रहे हों और उन्हें थर्मामीटर ऑक्सीमीटर आदि के रेट ना बताए गए हों. उन्हें इस महामारी के दौरान हुई तमाम खरीदारियों का पता ना हो.

धूल झोंकने के लिए बनाई एसआईटी

प्रदेश सचिव मीनाक्षी श्रीवास्तव ने कहा कि जब AAP ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया तब योगी सरकार ने 3 आईएएस अधिकारियों को लेकर एक एसआईटी गठित की है जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. क्या यह 3 आईएएस अधिकारी स्पाइडर-मैन हैं, क्योंकि 3 आईएएस अधिकारी 110000 गांव 59000 पंचायत 12000 वार्ड वाले विशाल प्रदेश में हुए घोटाले की जांच भला 10 दिन में कैसे कर पाएंगे. इसका साफ-साफ मतलब है यह एसआईटी केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए बनाई गई है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : आम आदमी पार्टी के जिला संगठन ने आज जिला मुख्यालय स्थित मीडिया सेंटर पर प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. AAP नेताओं का कहना था कि कोरोना आपदा में प्रदेश में हुआ बड़ा घोटाला.

सुनें AAP ने योगी सरकार पर क्या-क्या आरोप लगाए

जिला अध्यक्ष चेतन त्यागी ने कहा कि कोरोना आपदा में अवसर तलाशने वाली योगी सरकार ने कोरोना किट की खरीद नाम पर ग्राम पंचायत से लेकर मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन तक 1-2 नहीं बल्कि 400 से 500 फीसदी घोटाला किया. सुल्तानपुर जनपद से योगी सरकार के इस भ्रष्टाचार और घोटाले की कड़ियां खुलनी शुरू हुई थी और आम आदमी पार्टी इन घोटालों पर लगातार नए-नए खुलासे कर रही है.

इस भ्रष्टाचार और घोटाले का दायरा 65 जिलों से ज्यादा तथा पूरे प्रदेश में फैला हुआ है. कोरोना काल में हुए इस भ्रष्टाचार ने ग्राम पंचायत से लेकर मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन में बैठे मुख्यमंत्री के खास अधिकारी शामिल हैं. ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच निष्पक्ष रूप से प्रदेश सरकार की ओर से गठित एसआईटी से नहीं हो सकती.

सीबीआई से करवाई जाए जांच

आम आदमी पार्टी का साफ मानना है कि इस महा घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए या फिर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर पूरे मामले की जांच हो. इससे कम आम आदमी पार्टी को कुछ भी मंजूर नहीं है.

प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि खुद को राष्ट्रवादी कहने वाली योगी सरकार ने 145000 रुपये में मिलने वाला हेमेटोलॉजी एनालाइजर 330000 रुपये में खरीदा है. वह भी एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों हजारों की संख्या में खरीदे गए हैं. यह असंभव है कि मुख्यमंत्री रोजाना 11:00 बजे अपनी टीम-11 की बैठक कर रहे हों और उन्हें थर्मामीटर ऑक्सीमीटर आदि के रेट ना बताए गए हों. उन्हें इस महामारी के दौरान हुई तमाम खरीदारियों का पता ना हो.

धूल झोंकने के लिए बनाई एसआईटी

प्रदेश सचिव मीनाक्षी श्रीवास्तव ने कहा कि जब AAP ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया तब योगी सरकार ने 3 आईएएस अधिकारियों को लेकर एक एसआईटी गठित की है जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. क्या यह 3 आईएएस अधिकारी स्पाइडर-मैन हैं, क्योंकि 3 आईएएस अधिकारी 110000 गांव 59000 पंचायत 12000 वार्ड वाले विशाल प्रदेश में हुए घोटाले की जांच भला 10 दिन में कैसे कर पाएंगे. इसका साफ-साफ मतलब है यह एसआईटी केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए बनाई गई है.

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