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हिंडन एयरपोर्ट के पास जलभराव से स्कूलों-मकानों की नींव हो रही कमजोर, प्रशासन बेखबर

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Published : Aug 18, 2020, 5:29 PM IST

गाजियाबाद शहर के पॉश इलाके राजेंद्र नगर में लंबे समय से गंदगी का अंबार लगा हुआ है और यहां भारी जलभराव भी बना रहता है. स्थानीय लोगों को इससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम को इस बारे में शिकायत भी की गई, लेकिन यहां साफ-सफाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए. जबिक ये इलाका हिंडन एयरपोर्ट से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

Garbage piles and waterlogging in Rajendra Nagar near Hindon Airport in Ghaziabad
गाजियाबाद नगर निगम डीएलएफ स्कूल गाजियाबाद हिंडन एयरपोर्ट राजेंद्र नगर जलभराव कूड़े का ढेर

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद शहर के पॉश इलाके राजेंद्र नगर में लंबे समय से गंदगी का अंबार लगा हुआ है और यहां भारी जलभराव भी बना रहता है. स्थानीय लोगों को इससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम को इस बारे में शिकायत भी की गई, लेकिन यहां साफ-सफाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए. इस रवैये को देखकर लग रहा है कि सरकारी महकमों को प्रधानमंत्री के सपने 'स्वच्छ भारत' की भी कोई कद्र नहीं है.

'झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं हालात'
सरकारी लापरवाही से हुआ ये हाल

गाजियाबाद के पॉश इलाके राजेंद्र नगर की साफ-सफाई को लेकर हालत बहुत खराब है. यह इलाका हिंडन एयरपोर्ट से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था तो लोग काफी गर्व महसूस करते थे कि वो एयरपोर्ट के पास रहते हैं. लेकिन वह गर्व सरकारी लापरवाही की वजह से अफसोस में बदल गया. राजेंद्र नगर में डीएलएफ स्कूल की तरफ से वजीराबाद जाने वाले रोड पर हमेशा भारी जलभराव बना रहता है.

बारिश भले ही 1 दिन हो, लेकिन पानी की निकासी नहीं होने की वजह से यहां कई दिनों तक पानी भरा रहता है. बारिश के इस पानी के भीतर गंदा कूड़ा भी जमा रहता है, जिसमें से बदबू आने की वजह से लोग घरों से बाहर तक नहीं निकल पाते हैं. लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है.

नगर निगम की टीम आई थी, लेकिन उन्होंने एक दीवार खड़ी कर दी. मगर जलभराव इतना ज्यादा है कि पानी दीवार के ऊपर से भी आ जाता है. हाल यह है कि लगातार जलभराव की वजह से पानी मकानों की नींव में जा रहा है, जिससे मकानों की नींव कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया है. नजदीक ही एक अन्य स्कूल भी है. कुल मिलाकर दोनों स्कूलों में आने वाले स्टूडेंट्स को भी आम दिनों में काफी परेशानी होती थी. हालांकि फिलहाल कोरोना की वजह से ये स्कूल बंद हैं.


'झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं हालात'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था और उत्तराखंड के सीएम ने एयरपोर्ट से उड़ानों को हरी झंडी दिखाई थी. उस समय तो लोगों को लगा था कि एयरपोर्ट के पास रहने का फायदा उन्हें विकास कार्यों के साथ भी मिलेगा. लेकिन विकास दूर की बात लगने लगी, रह गई तो सिर्फ गंदगी और बदबू. लोगों का यहां तक कहना है कि उनकी हालत चिराग तले अंधेरा जैसी है. कहने को वह एयरपोर्ट के पास रहते हैं, लेकिन हालात किसी झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं. कोरोना काल में ये लापरवाही और ज्यादा दुख-दर्द दे रही है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद शहर के पॉश इलाके राजेंद्र नगर में लंबे समय से गंदगी का अंबार लगा हुआ है और यहां भारी जलभराव भी बना रहता है. स्थानीय लोगों को इससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम को इस बारे में शिकायत भी की गई, लेकिन यहां साफ-सफाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए. इस रवैये को देखकर लग रहा है कि सरकारी महकमों को प्रधानमंत्री के सपने 'स्वच्छ भारत' की भी कोई कद्र नहीं है.

'झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं हालात'
सरकारी लापरवाही से हुआ ये हाल

गाजियाबाद के पॉश इलाके राजेंद्र नगर की साफ-सफाई को लेकर हालत बहुत खराब है. यह इलाका हिंडन एयरपोर्ट से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था तो लोग काफी गर्व महसूस करते थे कि वो एयरपोर्ट के पास रहते हैं. लेकिन वह गर्व सरकारी लापरवाही की वजह से अफसोस में बदल गया. राजेंद्र नगर में डीएलएफ स्कूल की तरफ से वजीराबाद जाने वाले रोड पर हमेशा भारी जलभराव बना रहता है.

बारिश भले ही 1 दिन हो, लेकिन पानी की निकासी नहीं होने की वजह से यहां कई दिनों तक पानी भरा रहता है. बारिश के इस पानी के भीतर गंदा कूड़ा भी जमा रहता है, जिसमें से बदबू आने की वजह से लोग घरों से बाहर तक नहीं निकल पाते हैं. लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है.

नगर निगम की टीम आई थी, लेकिन उन्होंने एक दीवार खड़ी कर दी. मगर जलभराव इतना ज्यादा है कि पानी दीवार के ऊपर से भी आ जाता है. हाल यह है कि लगातार जलभराव की वजह से पानी मकानों की नींव में जा रहा है, जिससे मकानों की नींव कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया है. नजदीक ही एक अन्य स्कूल भी है. कुल मिलाकर दोनों स्कूलों में आने वाले स्टूडेंट्स को भी आम दिनों में काफी परेशानी होती थी. हालांकि फिलहाल कोरोना की वजह से ये स्कूल बंद हैं.


'झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं हालात'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था और उत्तराखंड के सीएम ने एयरपोर्ट से उड़ानों को हरी झंडी दिखाई थी. उस समय तो लोगों को लगा था कि एयरपोर्ट के पास रहने का फायदा उन्हें विकास कार्यों के साथ भी मिलेगा. लेकिन विकास दूर की बात लगने लगी, रह गई तो सिर्फ गंदगी और बदबू. लोगों का यहां तक कहना है कि उनकी हालत चिराग तले अंधेरा जैसी है. कहने को वह एयरपोर्ट के पास रहते हैं, लेकिन हालात किसी झुग्गी-बस्ती इलाके से भी बदतर हैं. कोरोना काल में ये लापरवाही और ज्यादा दुख-दर्द दे रही है.

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