नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को सात महीने पूरे हो चुके हैं. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और किसान नेताओं के साथ मुलाकात की. बैठक में राकेश टिकैत और यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन समेत कई नेता मौजूद रहे.
गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे यशवंत सिन्हा
बैठक के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सिन्हा ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को अपना भरपूर समर्थन दिया है. संसद में तीनों कृषि कानून नाजायज ढंग से पास हुए हैं. किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को वापस लेना ही पड़ेगा.
किसानों की मांग को हमारा समर्थन: सिन्हा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान मांग कर रहे हैं कि MSP की गारंटी पर कानून बने. हम किसानों की मांग का समर्थन करते हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून पर आधारित हो ना कि सरकार की कृपा पर. सिन्हा ने कहा मैं आज राष्ट्र मंच की तरफ से भी गाजीपुर बॉर्डर पर उपस्थित हुआ हूं. राष्ट्र मंच किसान आंदोलन को भरपूर समर्थन देता है.
उन्होंने कहा देश के लिए वो बहुत अच्छा दिन होगा जिस दिन किसान आंदोलन के मुद्दे पर देश भर के राजनैतिक दल एक साथ आएंगे. देशभर में किसान आंदोलन के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी आंदोलन चल रहे हैं. तमाम आंदोलनों को किसान आंदोलन के साथ जोड़ने का काम किसान नेताओं को करना चाहिए. किसान आंदोलन का समर्थन उन तमाम आंदोलन को मिले और उन तमाम आंदोलनों का समर्थन किसानों को मिले. जिससे कि एक मज़बूत आंदोलन सरकार के खिलाफ खड़ा किया जा सके. देशभर की 50% से अधिक आबादी आज किसानी से जुड़ी हुई है और किसान आंदोलन का समर्थन करती है.
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राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन गैर राजनैतिक है सभी समर्थन करने वालों का स्वागत करते है लेकिन हम किसी भी राजनीतिक दल का मंच सांझा नहीं करेंगे और ना ही अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व कराएंगे. विपक्ष को भी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना चाहिए.