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ओपी राजभर के बेटे अरुण पर गाजियाबाद में FIR दर्ज - ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर पर आरोप

वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, अखिलेश यादव पर टीवी पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की का आरोप लगाया था. मामला तब का था जब 29 जनवरी को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी गाजियाबाद आए थे. इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पत्रकार के साथ अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मी उनके सामने ही बदसलूकी कर रहे थे.

fir lodged on op rajbhar son arun rajbhar in ghaziabad
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Published : Feb 2, 2022, 10:00 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे पर FIR दर्ज की गई है. वरिष्ठ पत्रकार की शिकायत के बाद अरुण राजभर पर धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है. ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर पर आरोप है कि उन्होंने ट्विटर पर पत्रकार को धमकी दी थी. मामले में SSP को वरिष्ठ पत्रकार ने शिकायत दी थी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.



वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, अखिलेश यादव पर टीवी पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की का आरोप लगाया था. मामला तब का था जब 29 जनवरी को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी गाजियाबाद आए थे. इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पत्रकार के साथ अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मी उनके सामने ही बदसलूकी कर रहे थे. इसी ट्वीट को करने के बाद आरोप है कि अरुण राजभर ने ट्विटर पर अशोक श्रीवास्तव को धमकी दी थी. धमकी में लिखा था कि आप की भी पिटाई होनी चाहिए. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो अरुण राजभर ने ट्वीट डिलीट कर दिया था. मगर इस बीच SSP को दी गई शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.

वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर की शिकायत.
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर की शिकायत.
लिंक रोड पुलिस मामले की जांच पड़ताल की बात कह रही है. मामले में अरुण राजभर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देखना होगा कि आगे इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई अमल में लाती है. मामला दर्ज होने के बाद अभी सोशल मीडिया पर यह मामला थमने वाला नहीं नजर आ रहा है क्योंकि मामला एक वरिष्ठ पत्रकार से जुड़ा हुआ है.पत्रकारों पर दबंगई क्यों

सोशल मीडिया पर कई पत्रकार इस बात को सवाल के रूप में उठा रहे हैं कि आखिर राजनीतिक पार्टियों के नेता क्यों पत्रकारों पर अपनी दबंगई दिखाते हैं. एक तरफ अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों के सामने ही पत्रकार से बदसलूकी की जाती है और जब एक वरिष्ठ पत्रकार उस पर आवाज उठाता है तो दूसरा नेता अपने साथी दल के नेता के पक्ष में उतर कर दूसरे पत्रकार को भी धमकी दे डालता है. जाहिर है इस तरह की धमकी के बाद पत्रकारों में भी रोष देखने को जरूर मिल रहा है. हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले में पूरी जांच के बाद ही कोई ऑफिशियल बयान जारी किया जाएगा.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे पर FIR दर्ज की गई है. वरिष्ठ पत्रकार की शिकायत के बाद अरुण राजभर पर धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है. ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर पर आरोप है कि उन्होंने ट्विटर पर पत्रकार को धमकी दी थी. मामले में SSP को वरिष्ठ पत्रकार ने शिकायत दी थी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.



वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, अखिलेश यादव पर टीवी पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की का आरोप लगाया था. मामला तब का था जब 29 जनवरी को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी गाजियाबाद आए थे. इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पत्रकार के साथ अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मी उनके सामने ही बदसलूकी कर रहे थे. इसी ट्वीट को करने के बाद आरोप है कि अरुण राजभर ने ट्विटर पर अशोक श्रीवास्तव को धमकी दी थी. धमकी में लिखा था कि आप की भी पिटाई होनी चाहिए. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो अरुण राजभर ने ट्वीट डिलीट कर दिया था. मगर इस बीच SSP को दी गई शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.

वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर की शिकायत.
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर की शिकायत.
लिंक रोड पुलिस मामले की जांच पड़ताल की बात कह रही है. मामले में अरुण राजभर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देखना होगा कि आगे इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई अमल में लाती है. मामला दर्ज होने के बाद अभी सोशल मीडिया पर यह मामला थमने वाला नहीं नजर आ रहा है क्योंकि मामला एक वरिष्ठ पत्रकार से जुड़ा हुआ है.पत्रकारों पर दबंगई क्यों

सोशल मीडिया पर कई पत्रकार इस बात को सवाल के रूप में उठा रहे हैं कि आखिर राजनीतिक पार्टियों के नेता क्यों पत्रकारों पर अपनी दबंगई दिखाते हैं. एक तरफ अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों के सामने ही पत्रकार से बदसलूकी की जाती है और जब एक वरिष्ठ पत्रकार उस पर आवाज उठाता है तो दूसरा नेता अपने साथी दल के नेता के पक्ष में उतर कर दूसरे पत्रकार को भी धमकी दे डालता है. जाहिर है इस तरह की धमकी के बाद पत्रकारों में भी रोष देखने को जरूर मिल रहा है. हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले में पूरी जांच के बाद ही कोई ऑफिशियल बयान जारी किया जाएगा.

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