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हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के साथ मनाया गया 'मिलाद उन नबी' - गाजियाबाद में मनाया गया मिलाद उन नबी का त्यौहार

मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के खास मौके पर मंगलवार को इंदिरापुरम जामा मस्जिद की ओर से खिदमत खल्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल को कायम करते हुए लोगों ने भंडारा किया.

festival of milad un nabi in ghaziabad
festival of milad un nabi in ghaziabad
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Published : Oct 19, 2021, 8:50 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंदिरापुरम जामा मस्जिद के खिदमते खल्क कार्यक्रम में मिलाद उन नबी के मौके पर भाेज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करते हुए ज्ञानखंड तीन के सभी निवासियों ने सहयोग किया.

खिदमाते खल्क से जुड़े लाेगाें ने बताया कि जामा मस्जिद की ओर से जरूरतमंदों की मदद के लिए खिदमत खल्क कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके तहत जामा मस्जिद में निःशुल्क क्लीनिक चलाई जा रही है. मिलाद उन नबी के अवसर पर भाेज का आयोजन किया गया, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोगों को भोजन कराया गया.

मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के खास मौके पर खिदमत खल्क कार्यक्रम
संस्था की ओर से बताया गया कि लंबे समय से उनके द्वारा जरूरतमंदों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए मस्जिद में क्लीनिक बनाया गया है. जिसमें सभी के सहयोग से नि:शुल्क इलाज होता है. संस्था के लोगों ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे आयाेजन होते रहेंगे. क्लीनिक में भी सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

बता दें, मिलाद उन नबी त्योहार मोहम्मद साहब के जन्मदिन के खास मौके पर मनाया जाता है. इस दिन जुलूस भी निकाला जाता है. हालांकि कोरोना को ध्यान में रखते हुए जुलूस का आयोजन नहीं किया गया. सादगी से इस त्याेहार को मनाने के लिए पारंपरिक भोजन बनाकर खिलाया गया. ऐसा माना जाता है कि जरूरतमंदों की मदद से अल्लाह खुश होते हैं और सभी को बरकत मिलती है.

यह भी पढ़ें - मुगल शहजादी ने अपने वजीफे से बनवा दी थी आगरा की जामा मस्जिद, खर्च और खासियत जानकर हो जाएंगे हैरान

जैसा कि नाम से ही साफ है 'खिदमत ए खल्क' मतलब समाज सेवा और जब समाज सेवा में सर्व धर्म की एकता का प्रयास शामिल हो, तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है. हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के तहत हो रहे समाज सेवा के बारे में जो भी सुनता है, उसकी तारीफ करता.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंदिरापुरम जामा मस्जिद के खिदमते खल्क कार्यक्रम में मिलाद उन नबी के मौके पर भाेज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करते हुए ज्ञानखंड तीन के सभी निवासियों ने सहयोग किया.

खिदमाते खल्क से जुड़े लाेगाें ने बताया कि जामा मस्जिद की ओर से जरूरतमंदों की मदद के लिए खिदमत खल्क कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके तहत जामा मस्जिद में निःशुल्क क्लीनिक चलाई जा रही है. मिलाद उन नबी के अवसर पर भाेज का आयोजन किया गया, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोगों को भोजन कराया गया.

मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के खास मौके पर खिदमत खल्क कार्यक्रम
संस्था की ओर से बताया गया कि लंबे समय से उनके द्वारा जरूरतमंदों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए मस्जिद में क्लीनिक बनाया गया है. जिसमें सभी के सहयोग से नि:शुल्क इलाज होता है. संस्था के लोगों ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे आयाेजन होते रहेंगे. क्लीनिक में भी सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

बता दें, मिलाद उन नबी त्योहार मोहम्मद साहब के जन्मदिन के खास मौके पर मनाया जाता है. इस दिन जुलूस भी निकाला जाता है. हालांकि कोरोना को ध्यान में रखते हुए जुलूस का आयोजन नहीं किया गया. सादगी से इस त्याेहार को मनाने के लिए पारंपरिक भोजन बनाकर खिलाया गया. ऐसा माना जाता है कि जरूरतमंदों की मदद से अल्लाह खुश होते हैं और सभी को बरकत मिलती है.

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जैसा कि नाम से ही साफ है 'खिदमत ए खल्क' मतलब समाज सेवा और जब समाज सेवा में सर्व धर्म की एकता का प्रयास शामिल हो, तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है. हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के तहत हो रहे समाज सेवा के बारे में जो भी सुनता है, उसकी तारीफ करता.

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