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Anant Chaturdashi 2022: पूजा के बाद 14 गांठ लगाकर धारण करें ये विशेष धागा - शुभ मुहुर्त में भगवान गणेश का विसर्जन

अनंत चतुर्थी भगवान विष्णु को समर्पित त्योहार है. इस दिन शुभ मुहुर्त में भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 9 सितंबर 2022 को मनाया जा रहा है.

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Published : Sep 9, 2022, 7:36 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः अनंत चतुर्दशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इस त्योहार को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु को समर्पित त्योहार है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के शाश्वत स्वरूप की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन गणेशोत्सव भी मनाया गया. इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश विसर्जन किया जाता है. इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व शुक्रवार 9 सितंबर 2022 को मनाया जा रहा है.

० अनंत चतुर्दशी तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि गुरुवार, 08 सितंबर को रात 09:02 बजे से प्रारंभ हो रही है. अगले दिन यह तिथि शुक्रवार 09 सितंबर को शाम 06:07 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदयतिथि के अनुसार इस वर्ष 09 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी.

० अनंत चतुर्दशी पूजा का मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी का दिन गणपति बप्पा की पूजा के लिए 12 घंटे से अधिक का होता है. इस दिन गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:03 से सायं 06:07 तक है.

भगवान विष्णु को समर्पित अनंत चतुर्दशी का त्योहार
ये भी पढ़ेंः Guru Pradosh Vrat 2022: गुरु प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व


० गणपति विसर्जन

अनंत चतुर्दशी गणेशोत्सव के अंत का प्रतीक है. इस दिन लोग गणपति बप्पा मोरया की स्तुति में भगवान गणेश की मूर्तियों को पानी में विसर्जित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगले साल फिर से बप्पा के स्वागत के लिए भगवान गणेश को विसर्जित किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः Shani Jayanti 2022: आज ऐसे दूर करें शनि की साढ़े साती, 30 साल बाद बना संयोग

० ऐसे करें व्रत और पूजा

प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान के पश्चात् अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा के उपरान्त अनन्त चतुर्दशी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रत के दिन भगवान् श्रीविष्णुजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन कच्चे सूत के धागे को 14 गाँठ लगाकर उसे हल्दी से रंगने के पश्चात् विधि-विधानपूर्वक अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. इस सूत्र को अनन्त सूत्र भी कहा जाता है. इस सूत्र को पुरुष दाहिने हाथ में तथा महिलाएँ बाएँ हाथ की भुजा में धारण करती हैं.

ये भी पढ़ेंः Parivartini Ekadashi 2022 : आज करें भगवान वामन की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली/गाजियाबादः अनंत चतुर्दशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इस त्योहार को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु को समर्पित त्योहार है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के शाश्वत स्वरूप की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन गणेशोत्सव भी मनाया गया. इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश विसर्जन किया जाता है. इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व शुक्रवार 9 सितंबर 2022 को मनाया जा रहा है.

० अनंत चतुर्दशी तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि गुरुवार, 08 सितंबर को रात 09:02 बजे से प्रारंभ हो रही है. अगले दिन यह तिथि शुक्रवार 09 सितंबर को शाम 06:07 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदयतिथि के अनुसार इस वर्ष 09 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी.

० अनंत चतुर्दशी पूजा का मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी का दिन गणपति बप्पा की पूजा के लिए 12 घंटे से अधिक का होता है. इस दिन गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:03 से सायं 06:07 तक है.

भगवान विष्णु को समर्पित अनंत चतुर्दशी का त्योहार
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० गणपति विसर्जन

अनंत चतुर्दशी गणेशोत्सव के अंत का प्रतीक है. इस दिन लोग गणपति बप्पा मोरया की स्तुति में भगवान गणेश की मूर्तियों को पानी में विसर्जित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगले साल फिर से बप्पा के स्वागत के लिए भगवान गणेश को विसर्जित किया जाता है.

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० ऐसे करें व्रत और पूजा

प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान के पश्चात् अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा के उपरान्त अनन्त चतुर्दशी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रत के दिन भगवान् श्रीविष्णुजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन कच्चे सूत के धागे को 14 गाँठ लगाकर उसे हल्दी से रंगने के पश्चात् विधि-विधानपूर्वक अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. इस सूत्र को अनन्त सूत्र भी कहा जाता है. इस सूत्र को पुरुष दाहिने हाथ में तथा महिलाएँ बाएँ हाथ की भुजा में धारण करती हैं.

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