ETV Bharat / city

गाजीपुर बॉर्डरः किसानों को सातवें दौर की वार्ता से बंधी उम्मीद

author img

By

Published : Dec 28, 2020, 10:00 PM IST

गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को एक महीने से अधिक हो चुके है. उनको सातवें दौर की वार्ता से उम्मीद जरूर है.

Farmers performing at Ghazipur border
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन करते किसान

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कड़ाके की ठंड के बीच पिछले करीब एक महीने से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाएं. जब तक केंद्र सरकार मांगों को नहीं मानती है, तब तक दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को उम्मीद जरूर है.

किसानों को सातवें दौर की वार्ता से बंधी उम्मीद

किसानों को 30 दिसंबर की वार्ता से है उम्मीद
30 सितंबर को केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता होनी है. इससे पहले छह दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को कुछ उम्मीद जरूर बंधी है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने कहा कि 30 दिसंबर को केंद्र सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता से काफी उम्मीद है. निराशावादी व्यक्ति कभी सफल नहींं हो सकता. सातवें दौर की वार्ता में किसानों की समस्याओं का हल निकल सकता है.

ये भी पढे़ः गाजियाबाद: LKG में पढ़ने वाली बच्ची गाजीपुर बॉर्डर पर कर रही किसानों की मदद

मांगे माने तो खत्म हो आंदोलन
किसान नेता बलराम सिंह ने कहा कि बुधवार को होने वाली वार्ता से किसानों को काफी उम्मीदें हैं. किसान करीब 32 दिन से खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी में रात गुजार रहे हैं. 30 दिसंबर को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगों को मान लेती है, तो आंदोलन खत्म होगा और किसान गांवों को लौट जाएंगे.


सरकार को हुआ किसानों की ताकत का एहसास
भारतीय किसान यूनियन के गाज़ियाबाद जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने कहा कि लंबे संघर्ष को देखकर सरकार को किसानों की ताकत एहसास हुआ है. उम्मीद है कि बुधवार को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगों को समझेगी और हल निकालेगी. कृषि कानून वापस होंगे और एमएसपी की गारंटी को लेकर सरकार कानून बनाएगी.



नई दिल्ली/गाजियाबाद: कड़ाके की ठंड के बीच पिछले करीब एक महीने से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाएं. जब तक केंद्र सरकार मांगों को नहीं मानती है, तब तक दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को उम्मीद जरूर है.

किसानों को सातवें दौर की वार्ता से बंधी उम्मीद

किसानों को 30 दिसंबर की वार्ता से है उम्मीद
30 सितंबर को केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता होनी है. इससे पहले छह दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. वहीं, सातवें दौर की वार्ता से किसानों को कुछ उम्मीद जरूर बंधी है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने कहा कि 30 दिसंबर को केंद्र सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता से काफी उम्मीद है. निराशावादी व्यक्ति कभी सफल नहींं हो सकता. सातवें दौर की वार्ता में किसानों की समस्याओं का हल निकल सकता है.

ये भी पढे़ः गाजियाबाद: LKG में पढ़ने वाली बच्ची गाजीपुर बॉर्डर पर कर रही किसानों की मदद

मांगे माने तो खत्म हो आंदोलन
किसान नेता बलराम सिंह ने कहा कि बुधवार को होने वाली वार्ता से किसानों को काफी उम्मीदें हैं. किसान करीब 32 दिन से खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी में रात गुजार रहे हैं. 30 दिसंबर को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगों को मान लेती है, तो आंदोलन खत्म होगा और किसान गांवों को लौट जाएंगे.


सरकार को हुआ किसानों की ताकत का एहसास
भारतीय किसान यूनियन के गाज़ियाबाद जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने कहा कि लंबे संघर्ष को देखकर सरकार को किसानों की ताकत एहसास हुआ है. उम्मीद है कि बुधवार को होने वाली वार्ता में सरकार किसानों की मांगों को समझेगी और हल निकालेगी. कृषि कानून वापस होंगे और एमएसपी की गारंटी को लेकर सरकार कानून बनाएगी.



For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.