नई दिल्ली/गाजियाबाद: सोमवार को मेरठ के सैदपुर गांव से किसानों ने पदयात्रा शुरू की थी. पदयात्रा कल शाम गाजियाबाद के गोविंदपुरा में स्थित अनाज मंडी पहुंची थी. किसानों ने अनाज मंडी पर ही डेरा डाल रखा था.
आज अपनी मांगों को प्रशासन के समक्ष रखने के लिए किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला मुख्यालय पहुंचा और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी तमाम मांगों को रखा. वहीं प्रशासन ने किसानों की मांगो को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है.
अपर जिलाधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अगले 7 दिनों तक किसान संघर्ष समिति प्रतिदिन जिला प्रशासन के साथ बैठक करेगी. जिसमें विशेष तौर पर अपर जिलाधिकारी (भूमि एवं अधिग्रहण) और अपर जिलाधिकारी (फाइनेंस) शामिल बैठक में शामिल होंगे. किसानों की तमाम मांगों को जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया जाएगा. किसानों की समिति द्वारा प्रतिदिन जिला प्रशासन द्वारा किसानों की मांगों को लेकर किए जा रहे कार्यो की समीक्षा भी की जाएगी. किसानों ने इस बात पर सहमति जताई है कि अगले 10 दिन तक वह जिला प्रशासन द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करेंगे. अगर किसान जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वह नेशनल हाईवे 9 के काम को रोक देंगे.
एक समान मुआवजे की मांग
किसानों का मांग है कि नेशनल हाईवे 9 दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे बनने के दौरान मेरठ और गाजियाबाद के 25 गांव हैं. जिनकी भूमि का अधिग्रहण हुआ है, लेकिन सरकार द्वारा मुआवजे की दर अलग-अलग दी गई है. किसानों का कहना है कि सभी को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए साथ ही सर्विस रोड कभी निस्तारण किया जाना चाहिए.
किसानों ने जिला प्रशासन को दी थी चेतावनी
बता दें कि किसानों ने जिला प्रशासन को कल शाम ही चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह जिला मुख्यालय की तरफ कूच करेंगे और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे. अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह ने किसानों से बातचीत की और किसानों को जिला प्रशासन से बातचीत करने के लिए तैयार किया. जिसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए आज जिला मुख्यालय पहुंचा था.