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कृषि बिल विरोध: किसानों ने मोदीनगर के काजमपुर गांव में एनएच-58 किया जाम - protest against agriculture bill

संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद कृषि बिलों को लेकर इसके खिलाफ लगातार विरोध देखने को मिल रहा है. सरकार का कहना है कि ये कृषि बिल किसानों के हित में हैं, तो दूसरी ओर आज कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने भारत बंद किया हुआ है.

Farmers blocked NH-58 in Kazampur village of Modinagar in protest against agriculture bill
कृषि बिल विरोध : किसानों ने मोदीनगर के काजमपुर गांव में एनएच-58 किया जाम
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Published : Sep 25, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 4:26 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि बिलों के विरोध में आज देशभर के किसानों ने चक्का जाम किया हुआ है. इसी को लेकर मोदीनगर क्षेत्र के काजमपुर गांव स्थित एनएच-58 पर किसान धरना कर रहे हैं. धरने की वजह से हाई-वे पर लंबा जाम लग गया. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं से बातचीत की और जाना कि आखिर विरोध की वजह क्या है.

ईटीवी भारत को भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता नेपाल सिंह ने बताया कि यह कृषि बिल किसान विरोधी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा झूठ बोलने का काम करते हैं. वह प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहते हैं कि इस बिल को संसद से वापस लेने का काम करें, वरना वह भाजपा के मंत्री और नेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे.

वीडियो रिपोर्ट

किसान नेता नेपाल सिंह का कहना है कि इन कृषि बिलों के माध्यम से सरकार किसानों की ताकत पूंजीपतियों के हाथों में देने का काम कर रही है. 1955 में नागालैंड में चौधरी चरण सिंह ने जमींदार प्रथा कानून के विरोध में लड़ाई लड़ी थी और आज उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. आज उन्हीं के आह्वान पर कृषि बिलों के विरोध में किसान संपूर्ण भारत देश में चक्का जाम कर रहे हैं, जब तक उनके शीर्ष नेतृत्व का आदेश रहेगा किसान सड़कों से नहीं हटेगा.

जब तक बिल वापस नहीं होंगे किसान करेंगे आंदोलन

नेपाल सिंह का कहना है कि भाजपा सरकार किसानों को जागरूक करने के लिए जन जागरण अभियान चलाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन वह भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे. किसान नेता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी ने पिछले 4 सालों में किसानों का गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया और बिजली का बिल बढ़ाने का काम किया है.


किसान नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य बबली गुर्जर का कहना है कि यह बिल किसान विरोधी है और सरकार किसानों के साथ अन्याय करने का काम कर रही है. आज इस बिल के विरोध में पूरे देश का किसान सड़कों पर है और जब तक यह काला कानून वापस नहीं होगा वह सड़कों से नहीं हटेंगे.

आगामी चुनावों में किसान भाजपा सरकार का सूपड़ा साफ करने का काम करेगा. किसान नेता का कहना है कि सरकार ने राज्यसभा में ध्वनि मत से बिल पास कराने का काम किया है यह गलत है. इसके साथ ही इस चक्का जाम में मौजूद किसान नेताओं का कहना है.कि यह बिल सरकार जब तक वापस नहीं लेगी वह ऐसे ही आंदोलन करते रहेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि बिलों के विरोध में आज देशभर के किसानों ने चक्का जाम किया हुआ है. इसी को लेकर मोदीनगर क्षेत्र के काजमपुर गांव स्थित एनएच-58 पर किसान धरना कर रहे हैं. धरने की वजह से हाई-वे पर लंबा जाम लग गया. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं से बातचीत की और जाना कि आखिर विरोध की वजह क्या है.

ईटीवी भारत को भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता नेपाल सिंह ने बताया कि यह कृषि बिल किसान विरोधी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा झूठ बोलने का काम करते हैं. वह प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहते हैं कि इस बिल को संसद से वापस लेने का काम करें, वरना वह भाजपा के मंत्री और नेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे.

वीडियो रिपोर्ट

किसान नेता नेपाल सिंह का कहना है कि इन कृषि बिलों के माध्यम से सरकार किसानों की ताकत पूंजीपतियों के हाथों में देने का काम कर रही है. 1955 में नागालैंड में चौधरी चरण सिंह ने जमींदार प्रथा कानून के विरोध में लड़ाई लड़ी थी और आज उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. आज उन्हीं के आह्वान पर कृषि बिलों के विरोध में किसान संपूर्ण भारत देश में चक्का जाम कर रहे हैं, जब तक उनके शीर्ष नेतृत्व का आदेश रहेगा किसान सड़कों से नहीं हटेगा.

जब तक बिल वापस नहीं होंगे किसान करेंगे आंदोलन

नेपाल सिंह का कहना है कि भाजपा सरकार किसानों को जागरूक करने के लिए जन जागरण अभियान चलाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन वह भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे. किसान नेता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी ने पिछले 4 सालों में किसानों का गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया और बिजली का बिल बढ़ाने का काम किया है.


किसान नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य बबली गुर्जर का कहना है कि यह बिल किसान विरोधी है और सरकार किसानों के साथ अन्याय करने का काम कर रही है. आज इस बिल के विरोध में पूरे देश का किसान सड़कों पर है और जब तक यह काला कानून वापस नहीं होगा वह सड़कों से नहीं हटेंगे.

आगामी चुनावों में किसान भाजपा सरकार का सूपड़ा साफ करने का काम करेगा. किसान नेता का कहना है कि सरकार ने राज्यसभा में ध्वनि मत से बिल पास कराने का काम किया है यह गलत है. इसके साथ ही इस चक्का जाम में मौजूद किसान नेताओं का कहना है.कि यह बिल सरकार जब तक वापस नहीं लेगी वह ऐसे ही आंदोलन करते रहेंगे.

Last Updated : Sep 25, 2020, 4:26 PM IST
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