नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुलाक़ात का मतलब आंदोलन का समाधान नहीं - टिकैत मसला पंजाब की राजनीति से शुरू हुआ, लेकिन अब किसान आंदोलन के गलियारों तक जा पहुंचा है. पंजाब कांग्रेस की राजनीति से दरकिनार कैप्टन अमरेन्द्रर सिंह अब अपनी नई जमीन तलाशने दिल्ली पहुंचे हैं. यहां अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा आम थी कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने अमित शाह और अपनी मुलाक़ात में किसान कानून रद्द करने और MSP कानून लाने की बात कह कर अपनी नई राजनीति के संकेत दे दिए हैं.
इधर किसान आंदोलन से मोदी सरकार आजीज आ चुकी है. कई राज्य, जिसमें पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं और किसान आंदोलन इन दो राज्यों की राजनीति पर सीधा असर डाल रहा है. लिहाजा बीजेपी भी चाहेगी कि चुनाव से पहले आंदोलन किसी रूप में भले खत्म न हो तो कम से कम कमजोर जरूर पड़ जाए. ऐसे में पंजाब के किसानों की अगुवाई कैप्टन अमरेन्दर सिंह के जरिए हो जाती है तो फिर राकेश टिकैत जैसे नेताओं का प्रभाव क्षेत्र कम हो जाता है. इन सभी संभावनाओं के बीच राकेश टिकैत ने बयान दिया है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में राकेश टिकैत ने कैप्टन अमरेन्दर सिंह और अमित शाह की मुलाकात की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.
राकेश टिकैत ने कहा कि कैप्टन और शाह की मुलाक़ात का ये मतलब नहीं कि किसान कानूनों पर गतिरोध का कोई हल निकल जाएगा. किसी मुद्दे पर बातचीत का मतलब समाधान नहीं होता है. राकेश टिकैत ने कहा कि "किसान आंदोलन पर हमसे तो किसी की कोई बात नहीं हुई. हमें नहीं मालूम कि इस मुलाकात के बाद हल निकलेगा या नहीं. कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार में शामिल नहीं हैं. बातचीत होने का मतलब समाधान नहीं होता है. बातचीत तो किसानों की भी सरकार से कई बार हुई है".
कैप्टन की मध्यस्थता नामंजूर, हम 22 बार सरकार से बात कर चुके हैं - टिकैत
राकेश टिकैत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसान आंदोलन में मध्यस्थ मानने से इंकार कर दिया और कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सरकार में हैं नहीं. इससे क्या हल निकलेगा. सरकार और हमारे बीच भी 22 बार बातचीत हो चुकी है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, कैप्टन अमरिंदर सिंह का किसान आंदोलन को समर्थन नहीं रहा.
अमरिंदर सिंह ने किसानों पर मुकदमे लगाए, लाठियां बरसाई - टिकैत
पंजाब में आंदोलनकारी किसानों पर मुकदमा लिखा गया और डंडे बरसाए गए. टिकैत ने कहा कि बातचीत कब शुरू होगी, जब हमारे पास बातचीत के लिए न्योता आएगा. सरकार तो किसानों से सीधे बात कर सकती है. सरकार की चौखट पर किसान बैठे हुए हैं. सरकार मकड़जाल बना रही है. इस मकड़जाल में लोगों को नहीं फंसना चाहिए. कृषि कानूनों की वापसी और MSP पर कानून की मांग फिर दोहराते हुए राकेश टिकैत ने किसान मोर्चे में राजनीति की खबरों का खारिज किया.
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