नई दिल्ली/गाजियाबाद: बदमाशों के हमले में घायल विजयनगर इलाके के रहने वाले घायल पत्रकार ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बता दें कि सोमवार रात बदमाशों ने पत्रकार को उस समय गोली मार दी थी, जब वो अपनी बहन के घर से लौट रहे थे. अब परिजनों ने इसे लेकर पुलिस पर सवाल उठाए हैं. साथ ही इंसाफ की मांग की है.
परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिस चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया है, उसे पहले से जानकारी थी कि पत्रकार पर जानलेवा हमला होगा. लेकिन उसके बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया. उनका कहना है कि सिर्फ चौकी इंचार्ज ही नहीं बल्कि अन्य पुलिसकर्मी भी इसमें शामिल हैं. बिना पुलिस की सांठगांठ के इस तरह का हत्याकांड मुमकिन नहीं है.
बता दें कि पत्रकार अपने पीछे दो मासूम बेटियों और पत्नी को छोड़ गए हैं. पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. सभी को यह डर सता रहा है कि अब मासूम बेटियों को बिना पिता के सहारे जिंदगी गुजारनी होगी. उन्होंने अपनी आंखों से इस पूरी वारदात को होते हुए देखा है. जिसे वो अपने जहन से शायद कभी नहीं भुला पाएंगी.
गौरतलब है कि मंगलवार को पुलिस ने मामले में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी. लापरवाही बरतने वाले चौकी इंचार्ज को भी एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया था. अब पत्रकार की मौत के बाद उनका परिवार मामले में इंसाफ की मांग कर रहा है. परिवार का कहना है कि पत्रकार के गुनहगारों को भी विकास दुबे जैसी सजा मिलनी चाहिए.