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गाजियाबाद: श्मशान घाट हादसे की पूरी कहानी सुनिए चश्मदीद की जुबानी

गाजियाबाद के मुरादनगर के श्मशान घाट में आज दोपहर लेंटर गिरने से 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इस खबर में चश्मदीदों की मदद से जानिए आखिरकार ये हादसा कैसे हुआ.

eyewitness statement over muradnagar crematorium roof collapse at ghaziabad
चश्मदीद के जरिए सुनिए गाजियाबाद हादसे की कहानी
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Published : Jan 3, 2021, 7:25 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज दोपहर मुरादनगर के उखलारसी गांव स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए गए 50-60 लोग लेंटर गिरने से दब गए हैं. जिसमें अब तक तकरीबन 18 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों और घायलों को गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में भेजा जा रहा है. ईटीवी भारत ने अस्पताल में मौजूद घायल चश्मदीद से बातचीत करके हादसे की वजह जानने की कोशिश की.

चश्मदीद के जरिए सुनिए गाजियाबाद हादसे की कहानी

ये भी पढे़ं:-गाजियाबाद श्मशान घाट हादसा: अब तक 18 की मौत, मृतकों के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा

मुखाग्नि देने के बाद लेंटर के नीचे थे खड़े

ईटीवी भारत को हादसे के चश्मदीद उधम सिंह ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे के करीब तकरीबन 50-60 लोग अपने अपने मृतक परिचित का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट गए हुए थे. चिता को मुखाग्नि देने के बाद वह सभी पंडित जी की बात सुनने के लिए लेंटर के नीचे खड़े हो गए थे. चश्मदीद ने बताया कि जिस लिंटर के गिरने से यह हादसा हुआ है, उसका लगभग 2 महीने पहले ही निर्माण हुआ था और उसमें अभी भी निर्माण कार्य चल रहा था.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज दोपहर मुरादनगर के उखलारसी गांव स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए गए 50-60 लोग लेंटर गिरने से दब गए हैं. जिसमें अब तक तकरीबन 18 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों और घायलों को गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में भेजा जा रहा है. ईटीवी भारत ने अस्पताल में मौजूद घायल चश्मदीद से बातचीत करके हादसे की वजह जानने की कोशिश की.

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मुखाग्नि देने के बाद लेंटर के नीचे थे खड़े

ईटीवी भारत को हादसे के चश्मदीद उधम सिंह ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे के करीब तकरीबन 50-60 लोग अपने अपने मृतक परिचित का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट गए हुए थे. चिता को मुखाग्नि देने के बाद वह सभी पंडित जी की बात सुनने के लिए लेंटर के नीचे खड़े हो गए थे. चश्मदीद ने बताया कि जिस लिंटर के गिरने से यह हादसा हुआ है, उसका लगभग 2 महीने पहले ही निर्माण हुआ था और उसमें अभी भी निर्माण कार्य चल रहा था.

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