नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना संकट की इस घड़ी में मजदूर लगातार सिर पर कफन बांधे निकल रहे हैं. उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है. बस मांग एक ही है कि उन्हें उनके गांव पहुंचा दीजिए. गाजियाबाद के मेरठ रोड पर भी ऐसे दर्जनों मजदूर देखे गए. जो बस मिलने की आस में यहां पहुंच गए थे.
लेकिन पुलिस मौके पहुंच गई. उसके बाद आनन-फानन में यहां-वहां जाने लगे. इस दौरान ट्रक ड्राइवर ने ट्रक रोक लिया, तो सारे मजदूर उसी में सवार हो गए. इन मजदूरों का कहना है कि उनके साथ जो भी होगा वो गांव में होना चाहिए. वे यहां भूखे-प्यासे नहीं मरना चाहते हैं. मजदूरों के साथ छोटे बच्चे भी देखे गए.
इन मजदूरों का कहना है कि फिलहाल उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए वापस घर जाना चाहते हैं. हालांकि पुलिस और प्रशासन इनकी मदद के भी प्रयास में जुटा हुआ है. मगर मुश्किल यह है कि ज्यादा भीड़ आने पर स्थिति अनियंत्रित होने लगती है.
इन मजदूरों से यही अपील की जा रही है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और वे थोड़ा धैर्य रखें. प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी करवा रहा है. लंबे वक्त तक सबने एक बड़ा बलिदान दिया है. अब इस समस्या का अंत नजदीक आ रहा है.
ऐसे में थोड़ा सा धैर्य देश को काफी बड़ी समस्या से बचा सकता है. लेकिन मजदूरों ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में वह चाहते हैं कि उनके साथ जो भी हो. वो उनके गांव में हो. इसलिए वे यहां अपने गांव से दूर नहीं रहना चाहते.