नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए टिकैट के गढ़ कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर नगर में एक बड़ी पंचायत होगी, जिसका नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा करेगा. इस पंचायत से किसान नेता मिशन उत्तर प्रदेश (Mission Uttar Pradesh) का आगाज करेंगे. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के चुनाव लड़ने की भी खबरें आ रही हैं. इस पर ईटीवी भारत ने राकेश टिकैत से खास बातचीत की.
मौजूदा समय में किसान नेताओं का फोकस जहां एक तरफ आंदोलन को मजबूत करना है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मिशन यूपी को प्रदेश के गांवों और कस्बों तक लेकर जाना है. बंगाल की तर्ज पर किसान नेता मिशन यूपी के तहत भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रचार करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
मिशन यूपी को गति देने के लिए टिकैत ने उत्तर प्रदेश के भारतीय किसान यूनियन के तमाम मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, महिला अध्यक्ष को हटाने का निर्णय लिया है. किसान नेताओं के मुताबिक जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन होगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा ये निर्णय लिया गया है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में मौजूद 60% सांसदों का व्यवसाय खेती है. चुनाव जीतने के बाद सांसद पार्टी की गाइडलाइंस पर काम करते हैं लेकिन किसानों की आवाज़ नहीं उठाते हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में राकेश टिकैत ने अमरोहा लोक सभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था. जिसमे टिकैत (Rakesh Tikait) को हार का सामना करना पड़ा था.
राकेश टिकैत से ईटीवी भारत ने सवाल किया कि क्या भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारेगी? इस पर राकेश टिकैत का जवाब था हम किसी को चुनाव में नहीं उतारेंगे. देश के किसानों के हालात चुनाव से नहीं आंदोलन और आंदोलनकारियों से सुधरेंगे.
टिकैत ने साफ कर दिया है कि हमारी लड़ाई उन लोगों से है, जो किसानों के हित के लिए काम नहीं कर रहे हैं. हम किसी भी राजनैतिक पार्टी का समर्थन नही करते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय किसान यूनियन केवल भाजपा के खिलाफ प्रचार करेगी. भारतीय किसान यूनियन पूरी तरह से अराजनैतिक है और आगे भी अराजनैतिक रहेगी. चुनाव और आंदोलन में आंदोलन बेहतर विकल्प है.
हालांकि जब राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि वह 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं तो इस प्रकार की टिकैत का कहना था हमने अकेले चुनाव लड़कर देखा था. हमने ट्रायल लिया था. क्या ट्रायल करना कोई गुनाह है.