नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोनाकाल में एक तरफ जहां अस्पतालों में इलाज के लिए मारामारी है तो वहीं दूसरी तरफ श्मशान घाट पर लंबी कतारें लग रही हैं. कई ऐसे श्मशान घाट भी हैं, जहां व्यवस्था के नाम पर सबकुछ शून्य है. मतलब व्यवस्थाएं कुछ भी नहीं है. एक ऐसी ही ख़बर गाजियाबाद से सामने आई थी, जिसे ईटीवी भारत ने प्राथमिकता से दिखाया तो वहां अब इंतजाम किया गया है.
दरअसल गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में स्थित श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार की कोई व्यवस्था नहीं है, जहां शव का अंतिम संस्कार करने पहुंच रहे लोगों को खुद ही लकड़ियां और पुजारी को साथ लाना पड़ रहा था. साल 2009 के बाद से ही वहां कोई व्यवस्था नहीं थी.
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श्मशान घाट पर पीने के पानी से लेकर लाइट तक की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में ख़बर दिखाए जाने के बाद नगर निगम हरकत में आया और बकायदा यहां पुजारी की नियुक्ति कर दी गई है. साथ ही पानी और लाइट की व्यवस्था भी की गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शालीमार गार्डन के लोगों को शव की अंतिम यात्रा के लिए हिंडन श्मशान घाट तक नहीं जाना पड़ेगा. इलाके में श्मशान घाट की व्यवस्थाएं सुधरने से नॉन कोविड मृतकों का अंतिम संस्कार करने में आसानी होगी.