नई दिल्ली/गाजियाबाद: बिजली चोरों की वजह से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कुछ मरीजों की तो जान पर भी बनाई थी. ये चौंकाने वाली बात सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और आनन-फानन में मामले की जांच के लिए बिजली विभाग ने विजिलेंस टीम का गठन किया है.
बिजली चोरों की वजह से बार-बार गयी बिजली
दरअसल बिजली विभाग को जानकारी मिली है, कि कुछ इलाकों में बिजली चोरों की करतूत की वजह से बिजली की सप्लाई बाधित हुई. गाजियाबाद में RWA के चेयरमैन ने भी आरोप लगाया है कि गाजियाबाद के कई इलाकों में हर आधे घंटे में बिजली की कटौती होती है, जिसके चलते होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जान खतरे में आ जाती है, क्योंकि बिजली के बार-बार आने और जाने से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में फ्लकचुएशन हो सकता है, जिससे मरीज़ की जान भी खतरे में आ सकती है.
बिल्डर ने तलाशा आपदा में अवसर
मुख्य अभियंता का ये भी कहना है कि कुछ बिल्डरों ने भी कोरोना काल में लोगों को परेशान किया है. सोसायटी के लोगों को बिल्डरों ने बताया कि बिजली सप्लाई बाधित है, जबकि बिल्डिंग में इंटरनल कारणों से बिजली सप्लाई बाधित थी. इस मामले में आशंका ये है कि बिल्डर ने मुख्य सप्लाई काट कर जनरेटर की सप्लाई देने के लिए लोगों को गुमराह किया. इसके पीछे का मकसद आपदा में गलत तरीके से मुनाफा कमाना हो सकता है. इस मामले की भी जांच की जा रही है. बिल्डर की इस कमी से भी होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को काफी परेशानी हुई.
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लगातार 8 घंटे तक बिजली कटौती नहीं है
जानकारी के मुताबिक, बिजली चोरी वाले इलाकों में रोजाना औसतन 8 घंटे तक बिजली जाती है. अधिकतर बिजली कटौती एक साथ नहीं होती. हर कुछ घंटे में करीब आधे से 1 घंटे बिजली कटौती होने की बात सामने आई है.
बिजली का बिल बचाने के लिए खतरे में डाली लोगों की जान
मतलब साफ है कि आपदा के दौरान बिजली विभाग को चूना लगाने वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी. लोगों की जान से खिलवाड़ करके कुछ लोगों ने मुनाफा कमाने की कोशिश की और कुछ लोगों ने बिजली चोरी कर बिजली का बिल बचाने के लिए देश को नुकसान पहुंचाया और लोगों की जान भी खतरे में डाल दी. देखना ये होगा कि ऐसे लोगों पर कब तक कार्रवाई होती है.