नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में हिंडन मोक्ष स्थली परिसर में विद्युत शवदाह गृह का संचालन शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के चलते इसकी शुरुआत हुई है. हालांकि तकनीकी रूप से अभी भी कुछ कमियां हैं, लेकिन फिर भी इसे शुरू कर दिया गया है.
शव को छूने की प्रक्रिया खत्म होगी
बता दें कि जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, तब से इंसान के आखरी क्रिया कर्म करने पर भी दिक्कतें शुरू हो गई थी. ऐसे में गाजियाबाद में विद्युत शव दाह केंद्र का संचालन शुरू कर दिया गया है. रविवार को यहां कई ऐसे इंसान जिनकी मौत कोरोना से हुई थी, उनका अंतिम संस्कार किया गया. विद्युत शव दाह से अंतिम क्रिया होने से संक्रमण का खतरा तकरीबन खत्म हो जाता है.
गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत इसका संचालन किया जा रहा है. नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त दिनेश चंद्र इस बात को मानते हैं कि विद्युत शव दाह में अंतिम संस्कार होने से शव को बार-बार छूने की प्रक्रिया से दूरी रहती है. जिसके चलते संक्रमण का खतरा तकरीबन खत्म हो जाता है. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण को भी फायदा है, क्योंकि आम दाह संस्कार में लकड़ियों का इस्तेमाल होता है.
वक्त के साथ विस्तार जरूरी
जो लोग पारंपरिक यानी लकड़ियों के माध्यम से ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, उनके लिए भी अंतिम संस्कार स्थल पर पहले की तरह व्यवस्था बनी हुई है और रहेगी. लेकिन कोरोना काल में नगर निगम की तरफ से विद्युत शवदाह का संचालन शुरू होने से यह साफ है कि ज्यादातर लोगों को विद्युत शवदाह में अंतिम संस्कार करने के लिए नगर निगम प्रेरित करना चाहता है. कोरोना काल में संक्रमण रोकने के लिए इसे जरूरी कदम माना जा रहा है.