नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों (Farmers Protest) की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Prise) की गारंटी पर कानून की मांग को लेकर बीते छह महीनों से गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) समेत दिल्ली की कई सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में बुजुर्ग किसान भी मजबूती के साथ डटे हुए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते किसान नेताओं ने बुजुर्ग किसानों से अपील की थी कि वह गांव वापस लौट जाएं लेकिन बुजुर्ग किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक सरकार कानून वापसी नहीं देगी तब तक गांव को वापस नहीं लौटेंगे.
बॉर्डर पर मनाया गया बुजुर्ग किसान का जन्मदिन
गुरुवार को बॉर्डर पर मुजफ्फरनगर के 85 वर्षीय किसान शिवचरण का जन्मदिन मनाया गया. उन्हें गाड़ी में बैठाकर पूरे बॉर्डर पर घुमाया गया. भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने हाथों से शिवचरण को केक खिलाया.
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गाजीपुर बॉर्डर पर देखने को मिलता है कि किसान चारपाई पर लेट कर अपना वक्त गुजारते हैं तो वहीं शाम में हुक्का गुड़गुड़ाते हैं. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) जब गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद होते हैं तो अधिकतर समय बुजुर्ग किसानों के साथ ही बिताते हैं. आम तौर पर बुजुर्ग किसान बॉर्डर पर बाबा महेंद्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) के दौर के किस्से सुनाया करते हैं.