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गाजियाबादः गाइडलाइन का पालन करते हुए खोला गया दूधेश्वरनाथ मंदिर

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सरकार द्वारा जारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश करने से पहले सभी की टेम्प्रेचर स्क्रीनिंग की जा रही है.

doodheshvar naath mandir and ghaziabad religious places opened in unlock 1
दूधेश्वरनाथ मंदिर
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Published : Jun 8, 2020, 1:01 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः सोमवार को गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर में सुबह 5:30 बजे श्रद्धालुओं ने प्रवेश शुरू किया. काफी दिनों बाद प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की कतारें देखने को मिली.

दूधेश्वरनाथ मंदिर में भगवान के दर्शन शुरू

मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज किया जा रहा है. मंदिर परिसर के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गोल घेरे बनाए गए हैं. जिला प्रशासन ने मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दर्शन के लिए मंदिर को सुबह 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खोला गया है.

मंदिर में 10 साल से 65 साल के लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर में शिवलिंग के आसपास लकड़ी का एक बॉक्स लगाया गया है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भक्त शिवलिंग को छू ना सके. कोरोना महामारी के मद्देनजर मंदिर परिसर में केवल 5 भक्तों को एक बार में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही घंटी बजाने पर भी रोक है.

मंदिर में फूल की दुकानें भी फिलहाल नहीं खुलेंगे. देश के प्रसिद्ध 8 मंदिर-मठों में से एक दूधेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता प्राचीन काल से हैं. रावण के पिता विश्वश्रवा ने घोर तपस्या की थी वहीं रावण ने भी यहां पूजा-अर्चना की थी. भक्त यहां दूर-दूर से भगवान के दर्शन के लिए आते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबादः सोमवार को गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर में सुबह 5:30 बजे श्रद्धालुओं ने प्रवेश शुरू किया. काफी दिनों बाद प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की कतारें देखने को मिली.

दूधेश्वरनाथ मंदिर में भगवान के दर्शन शुरू

मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज किया जा रहा है. मंदिर परिसर के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गोल घेरे बनाए गए हैं. जिला प्रशासन ने मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दर्शन के लिए मंदिर को सुबह 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खोला गया है.

मंदिर में 10 साल से 65 साल के लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर में शिवलिंग के आसपास लकड़ी का एक बॉक्स लगाया गया है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भक्त शिवलिंग को छू ना सके. कोरोना महामारी के मद्देनजर मंदिर परिसर में केवल 5 भक्तों को एक बार में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही घंटी बजाने पर भी रोक है.

मंदिर में फूल की दुकानें भी फिलहाल नहीं खुलेंगे. देश के प्रसिद्ध 8 मंदिर-मठों में से एक दूधेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता प्राचीन काल से हैं. रावण के पिता विश्वश्रवा ने घोर तपस्या की थी वहीं रावण ने भी यहां पूजा-अर्चना की थी. भक्त यहां दूर-दूर से भगवान के दर्शन के लिए आते हैं.

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